PHOTOS: साध्वी बनी PSC पासआउट लड़की, फिर सामने आया हैरान कर देने वाला ये रूप

इंदौर। एक साल पहले स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन की प्रारंभिक परीक्षा पास कर चुकी उज्जैन के झालड़ा की रहने वाली लड़की सांसारिक जीवन त्यागकर साध्वी बन गई। प्रकाशचंद चौरडिया की बेटी अमिता ने जब दीक्षा ली तो हजारों की संख्या में मौजूद लोगों की आंखों से आंसू छलक आए। समाजजनों ने बताया कि गांव में पहली बार यह दीक्षा हुई।PHOTOS: साध्वी बनी PSC पासआउट लड़की, फिर सामने आया हैरान कर देने वाला ये रूप

– महिदपुर के झारड़ा निवासी प्रकाशचंद चौरड़िया की बेटी अमिता ने भौतिक सुख-साधनों को छोड़ जैन साध्वी जीवन की शुरुआत राजस्थान के हिंडौन में दीक्षा ग्रहण की। वे अब सुख सुविधाओं का उपयोग नहीं करेगी। दीक्षा के बाद अब अमिता मंत्रीनिधि श्रीजी के नाम से जानी जाएगी। उनका दीक्षा ग्रहण महोत्सव हिंडौन सिटी में मुनि गणिवर्य धैर्यसुंदरजी की निश्रा में सम्पन्न हुआ।

– दीक्षा महोत्सव के पहले जैन श्वेतांबर सकल संघ के तत्वाधान में अमिता का वर्षीदान वरघोडा निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़, मंत्रों की गुंज और भगवान महावीर के जयकारों के साथ निकाला गया। वहीं वर्षीदान शोभायात्रा में कई सजीव झांकियां सजाकर निकाली गई। इन झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। अमिता ने कहा कि प्रशासनिक सेवा में जाकर लोगों की सेवा कर सकती थी, लेकिन अब दीक्षा ग्रहण के बाद भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाऊंगी।

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प्रशासनिक सेवा की जगह अपनाया वैराग्य
– जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रकाशचंद चौरडिया की बेटी अमिता ने जैन दीक्षा ग्रहण की। अमिता स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन की प्रारंभिक परीक्षा पास कर चुकी है। वह मुख्य परीक्षा देने वाली थी। वह शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। एमएससी में टाॅपर होने के साथ वह जैन विश्व भारती कॉलेज की परीक्षा में भी पहले स्थान पर रही थी। अमिता पढ़ाई के साथ धार्मिक दिनचर्या का पालन करती थी। दीक्षा के पहले से ही वह कई कठोर नियमों का पालन करती थी। उसने रात्रि भोजन और कच्चे पानी का त्याग कर दिया था। पिछले वर्ष उसने वैराग्य की इच्छा जताई थी। साध्वी वर्या की स्वीकृति मिलने के बाद उसने अपने परिजनों को भी इसके लिए राजी कर लिया था।

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