हजारों किलोमीटर दूर होने पर भी अपनों को छू सकेंगे लोग, नया दस्ताना देगा अहसास
तकनीक हजारों किलोमीटर दूर मौजूद उपकरणों को काबू कर बड़ा ऑपरेशन तो कर सकती है, लेकिन मरीज को अपनों का वह स्पर्श या छुअन नहीं पहुंचा जा सकती है जिसकी उन्हें बहुत जरूरत होती है. लेकिन ऐसा ज्यादा समय तक नहीं रहेगा. अब लोग एक नए उपकरण की मदद से हजारों मील दूर अपने किसी प्रियजन का हाथ थाम सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने मुलायम उंगलियों वाला उपकरण तैयार किया है, जो स्पर्श छुअन का प्रामाणिक अहसास देता है.
यह अलग-अलग गति और ताकत पर कंपन का उपयोग करके मानव उंगली में सभी चार स्पर्श रिसेप्टर्स का अनुकरण करके काम करता है. बायो-इंस्पायर्ड हैप्टिक (BAMH) सिस्टम नाम के गैजेट के पीछे की टीम का मानना है कि वे एक ऐसा दस्ताना बना सकते हैं जो हाथ पकड़ने की अनुभूति को फिर से पैदा कर सकता है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर हेल्गे वुर्डेमैन, जिन्होंने इस उपकरण पर काम किया, ने कहा, “हमें विश्वास है कि हमारे पास ऐसी तकनीक है जो हमें दस्ताना डिजाइन करने में सक्षम बनाएगी. हम कई उंगलियों को एक साथ जोड़ने पर विचार कर रहे हैं. हम यह समझना चाहते हैं कि (क्या) हम कुछ समय में (स्पर्श) संवेदनशीलता में गिरावट का पता लगा सकते हैं.
इस तकनीक ने छुअन का अहसास हसिल करने में बेहतरीन नतीजे दिए हैं. (तस्वीर साभार: British Science Association/PA)इस तकनीक के बहुत सारे उपयोग हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की डॉ. सारा अबाद ने कहा, “बदकिस्मती से, वीडियो कॉल के साथ एक बाधा है. सामाजिक बंधन के लिए, जो अहम है, आपको स्पर्श की आवश्यकता होती है, लेकिन वीडियो कॉल ऐसा नहीं करते हैं. यह तकनीक हमारे आभासी सामाजिक संपर्कों में स्पर्श को शामिल करने का एक तरीका प्रदान करती है.
यह संवेदनशीलता में कमी का अनुभव करने वाले रोगियों के लिए स्पर्श धारणा के लिए एक नैदानिक उपकरण के रूप में भी काम कर सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि उदाहरण के लिए लंदन में रहने वाला व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में मरने वाले अपने रिश्तेदार का हाथ “पकड़” सकेगा.नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित नतीजों के अनुसार, इस तकनीक का उपयोग मेटाकार्पल टनल सिंड्रोम या मधुमेह जैसे स्पर्श की भावना खो चुके लोगों के लिए किया जा सकता है. और इसका उपयोग स्वस्थ और कैंसरग्रस्त ऊतक के बीच अंतर बताने के लिए किया जा सकता है.