लोगों ने परिवार संग किया नमो भारत में सफर
नमो भारत ट्रेन के स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। दोपहिया वाहन के लिए 10 से लेकर 60 रुपये निर्धारित है। वहीं, चार पहिया वाहन के लिए 30 से 200 रुपये तक शुल्क यात्रियों को देना होगा।
न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक के खंड में शुरू हुई रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का सफर लोगों को खूब भाया। यात्रियों ने सुबह छह बजे से ही यहां आना शुरू कर दिया था। सोमवार को कार्यदिवस पर लोगों की भीड़ लगी रही। कोई अपने परिवार के साथ तो कोई अपने दोस्तों के साथ आरआरटीएस की एक झलक पाने व उसमें बैठने के लिए बेताब दिखा।
लोगों में उत्सुकता इतनी अधिक थी कि सब बस इन लम्हों को अपने कैमरे में कैद करना चाह रहे थे। युवाओं में नवभारत का जज्बा मानों हिलोरे मार रहा था। वह विकसित भारत के सपने की दिशा की ओर बढ़ते कदम को बेहद करीब से देख रहे थे।
पार्किंग में मासिक पास की भी मिलेगी सुविधा
नमो भारत ट्रेन के स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। दोपहिया वाहन के लिए 10 से लेकर 60 रुपये निर्धारित है। वहीं, चार पहिया वाहन के लिए 30 से 200 रुपये तक शुल्क यात्रियों को देना होगा। पार्किंग कर्मी छोटू राम ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए पिकअप और ड्रॉप लेन भी बनाई गई है। इसके अलावा, यात्रियों को पार्किंग के लिए मासिक पास की सुविधा भी मिलेगी। इसमें दो पहिया वाहनों के लिए सुबह 5 से 11 बजे के लिए 600 रुपये और चार पहिया वाहनों को दो हजार रुपये में पास सुविधा मिलेगी।
स्टेशन से लेकर ट्रेन के अंदर तक का नजारा बहुत अच्छा लगा। सीट भी काफी आरामदायक है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि जिन लोगों के पास ज्यादा सामान होगा, उन्हें भी सामान रखने में दिक्कत नहीं होगी। -शकील अहमद
नमो भारत ट्रेन में यात्रियों को आनंद विहार से मेरठ तक का किराया लगभग उतना ही देना होगा, जितना बस में देना होता है। खास बात यह है कि ट्रेन आधुनिक सुविधाओं से लैस है। साथ ही, परियोजना के 40 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुंच जाते हैं। इससे पहले दो घंटे लगते थे। -रविंद्र कुमार, यात्री
ट्रेन आधुनिक और आरामदायक सुविधाओं से लैस सफर का अनुभव कराती है। इसमें महिला, बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित सीटें, महिला कोच, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, प्रीमियम और स्टैंडर्ड कोच की सुविधा है। -गुलशन, यात्री
रैपिड रेल आने से यात्रा सुगम जरूर हुई है। लेकिन, मध्यम वर्ग का व्यक्ति रोजाना इतना मंहगा टिकट नहीं खरीद सकता। 150 से 300 रुपये रोजाना आने-जाने का खर्च करना सबके बस की बात नहीं। टिकट की कीमत कम होनी चाहिए। -गोविंद दास, यात्री