आधी रात को सो रहे थे लोग, अचानक बिहार में डोलने लगी धरती; पिछले 50 दिन में तीसरी बार आया भूकंप

पिछले 50 दिनों में बिहार में तीन बार भूकंप आया है। इससे पहले 17 फरवरी और सात जनवरी को भी झटके महसूस किए गए थे। मौसम विभाग ने कहा कि इस बार भूकंप का केंद्र नेपाल का लिस्टीकोर्ट इलाका था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई।

बिहार के कई जिलों में गुरुवार मध्य रात्रि को भूकंप आया था। किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना और सीवान कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि लोग अपने घर में सो रहे थे। अचानक जमीन में कंपन महसूस हुई। ऊपर देखा तो पंखा भी डोल रहा था। वह फौरन अपने घर से बाहर निकल गए और शोर मचाकर आसपास के लोगों को बाहर निकाला। हालांकि भूकंप के झटके 10 से 12 सेकेंड तक ही महसूस किए गए।

मौसम विभाग की मानें तो भूकंप का केंद्र नेपाल का लिस्टीकोर्ट इलाका था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि कुछ और इस तरह के झटके महसूस किए जा सकते हैं। इसलिए सावधान रहें। हालांकि मध्य रात्रि को आए भूकंप से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

17 फरवरी को भी आया था भूकंप
17 फरवरी को सुबह में बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सीवान जिला इसका केंद्र रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र सीवान रहा। यहां पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई। इधर, सोमवार सुबह सुबह कंपन महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि कहीं से किसी तरह की नुकसान की खबर नहीं मिली थी।

सात जनवरी को आया था भूकंप
बिहार में इससे पहले सात जनवरी को तीन बार सुबह में एक और शाम में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पटना समेत कई जिलों में लोगों ने यह झटका ज्यादा महसूस किया। सुबह जब कंपन महसूस हुआ तो कई लोग सो ही रहे थे। लेकिन, शाम 5:20 बजे और 5:26 बजे फिर से कंपन हुई तो इसका एहसास सभी को हुआ। इस बार सुबह की तुलना में तीव्रता (3.5) कम थी। लेकिन, लोग फिर से सहम गए और फौरन घर से बाहर आ गये। उस वक्त, तिब्बत के जिजांग इलाके में जमीन के अंदर करीब 10 किमी भूकंप का केंद्र था।

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