बिहार में बड़ी संख्या में खतरनाक ब्लू व्हेल गेम को सर्च और डाउनलोड कर रहे लोग

पटना.बिहार में भी खतरनाक ब्लू व्हेल गेम को बड़ी संख्या में खोजा जा रहा है। गूगल ट्रेंड्स के रिजल्ट बताते हैं कि सर्चिंग व डाउनलोड में यह दूसरे स्थापित गेम से आगे है। केंद्र सरकार की ओर से ब्लू व्हेल गेम को सोशल नेटवर्किंग साइट से हटाने के आदेश और सुप्रीम कोर्ट की इस मामले में कड़ी पहल के बावजूद यह हो रहा है। सबने इसे बैड गेम के रूप में स्थापित कर दिया है।
 बिहार में बड़ी संख्या में खतरनाक ब्लू व्हेल गेम को सर्च और डाउनलोड कर रहे लोग
ब्लू व्हेल कोई गेम नहीं, एक चैलेंज है, लेकिन इससे मिलते-जुलते नाम वाले गेम भी गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद हैं। मसलन, ब्लू व्हेल वीआर, ब्लू व्हेल सिम्युलेटर 3डी आदि। इनकी रेटिंग कोई खास नहीं है। रिव्यूअर इन गेमों को ठीक से काम न करने की शिकायत करते हैं।गूगल ट्रेंड्स ने गेम सर्च व गेम डाउनलोड का जो डाटा रिलीज किया है वह काफी चौंकाने वाला है। अगस्त माह में ब्लू व्हेल गेम को बिहार में काफी सर्च किया गया। दो अगस्त व 11 अगस्त को तो गूगल सर्च में यह की-वर्ड काफी हॉट सर्च सेक्शन में रहा। इसने 100 के टॉप सर्चिंग प्वाइंट को छुआ। गेम की डाउनलोडिंग के जारी आंकड़े में 28 अगस्त को इस खतरनाक गेम ने 100 फीसदी के आंकड़े को छुआ।
बच्चों के बीच इस खतरनाक खेल का प्रभाव काफी तेज गति से बढ़ता है। ब्लू व्हेल एक चैलेंज की तरह है। खेलने वाले को चैलेंजर कहा जाता है। गेम में शामिल होने के बाद चैलेंजर की दिनचर्या बदल जाती है। उनका मोबाइल एप्लीकेशन उन्हें सुबह 4.20 बजे उठने को मजबूर करता है। हर रोज उन्हें एक टास्क पूरा करना होता है। एडमिन की ओर से दिए जाने वाले संगीत को सुनना होता है। वीडियो देखना पड़ता है। जिसने एक बार इस गेम को खेलना शुरू उसे यह गेम अपनी गिरफ्त में ले लेता है। उसकी सोशल साइट से लेकर पर्सनल नंबर तक एडमिनिस्ट्रेटर के पास रहता है। बीच में गेम छोड़ने वालों को लगातार मैसेज कर उन्हें आगे के स्टेप के लिए प्रोत्साहित करता रहता है। 50वें दिन आत्महत्या का चैलेंज होता है।
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