ऐसे लोगों को कहीं नहीं मिलता सम्मान, जानिए क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य को भारत के विद्वान पुरुषों में गिना जाता है। चाणक्य नीति (Chanakya Niti Tips) की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। वहीं, आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इस बात का भी वर्णन किया है किस प्रकार के लोग समाज में सम्मान के पात्र नहीं रहते। तो चलिए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार, वह लोग कौन हैं।

ऐसे लोगों से रहें दूर
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मूर्ख लोग यानी बुद्धिहीन लोग भी किसी पिशाच के समान ही होते हैं, क्योंकि जिस प्रकार लोग पिशाच से बचते फिरते हैं, उसी प्रकार लोग बुद्धिहीन लोगों से भी हमेशा दूर ही रहना पसंद करते हैं।

ऐसे लोगों को कहीं नहीं मिलता सम्मान
चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति सदाचार को त्याग कर या फिर अधर्म का रास्ता अपनाकर धन अर्जित करता है, उसे भी कहीं सम्मान नहीं मिलता। ऐसा व्यक्ति न केवल समाज में बल्कि अपनों के बीच में भी सम्मान खो बैठता है।

नहीं रहते सम्मान के पात्र
कुछ लोग केवल अपना काम बनाने के लिए मीठी-मीठी बातें या फिर दूसरों की चापलूसी करते हैं। ज्यादातर यह वो लोग होते हैं, जो अयोग्य होते हैं और इन्हें हमेशा अपनी चोरी पकड़े जाने का डर बना रहता है। इसकी अयोग्यता का राज खुलने पर यह भी सम्मान के पात्र नहीं रहते।

दूसरों पर अत्याचार करने वाले लोग
किसी व्यक्ति को दूसरों के साथ व्यवहार ही उसे सम्मान का पात्र बनाता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति पशु-पक्षियों, बच्चों, मजदूर वर्ग, वृद्ध जनों पर अत्याचार करता है, उसे भी सम्मान पाने का कोई हक नहीं है। वहीं इन लोगों को सम्मान देने वाले लोग भी सम्मान के पात्र नहीं रह जाते।

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