मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम ने देश भर में अपने पेमेंट बैंक की औपचारिक शुरुआत मंगलावर को कर दी है। इसके साथ ही अब पेटीएम के मोबाइल वॉलेट, मॉल के अलावा अब पूरे देश में इसके एटीएम भी जल्द लगेंगे और आम जनता जीरो बैलेंस पर अपना खाता खुलवा सकेगी।
खाता खोलने के लिए केवल आधार कार्ड जरूरी
पेटीएम पेमेंट बैंक में अगर कोई व्यक्ति खाता खोलना चाहता है, तो उसे केवल अपना आधार कार्ड देना होगा। इसके अलावा किसी और डॉक्यूमेंट की जरुरत नहीं बनेगी।
पेटीएम बैंक खाते में कई लाभ
इस अवसर पर पेटीएम के संस्थापक एवं प्रमुख विजय शेखर शर्मा ने कहा कि पेटीएम बैंक में खाता खुलवाने पर कई लाभ मिलेंगे। पहला तो इस पर जीरो बैलेंस का खाता फ्री में खुलेगा। इसमें बचत खाते पर चार फीसदी जबकि एफडी पर सात फीसदी का ब्याज मिलेगा।
बचत खाते से एफडी में या एफडी से बचत खाते में राशि हस्तांतरित करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। ग्राहकों को डेबिट कार्ड भी फ्री में मिलेगा। यही नहीं, बैंक के ग्राहक समस्त प्रकार के डिजिटल ट्रांजेक्शन फ्री में कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक डिजिटल ट्रांजेक्शन पर भी कुछ न कुछ शुल्क वसूलते हैं। उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर पेटीएम पेमेंट बैंक के 10 करोड़ खाते होंगे और बैंक बेहतर कारोबार करेगा।
सरकार कर रही है आर्थिक सुधार
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि पिछले दो-तीन साल के दौरान सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था अनौपचारिक रास्ते से हट कर औपचारिक की ओर बढ़ रही है। उनका कहना है कि सरकार आर्थिक सुधार की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है और हर दिन इसमें विस्तार हो रहा है।
मंगलवार को यहां पेटीएम पेमेंट बैंक की औपचारिक शुरुआत के अवसर पर जेटली ने कहा कि इससे भारतीय इतिहास में नए अध्याय की शुरुआत हुई है। इस समय देश में हर दिन कुछ न कुछ ऐसा हो रहा है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में औपचारिक तरीके से कारोबार को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल के दौरान सरकार के सुधार उपायों से अर्थव्यवस्था में एक के बाद एक शृंखलाबद्ध बदलाव की शुरुआत हुई है। अभी कुछ दिन पहले ही देश के सबसे बड़े बैंक, एसबीआई ने एक विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाएं देने वाली एकीकृत ऐप की शुरुआत की है और अब निजी क्षेत्र की एक कंपनी एक नई पहल कर रही है।
इस तरह के कई बदलाव अर्थव्यवस्था में आ रहे हैं। जेटली ने कहा कि ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था अनौपचारिक रास्ते से हटकर औपचारिक तंत्र की तरफ बढ़ रही है।
नई बैंकिंग की हुई है शुरूआत
उन्होंने कहा कि महज कुछ साल पहले तक देश की आधी आबादी की बैंकिंग तंत्र तक पहुंच नहीं थी, लेकिन अब इस स्थिति में बदलाव आया है और बड़ी संख्या में लोगों की बैंकिंग तंत्र तक पहुंच बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अब तक सामान्य बैंकिंग शाखा को ही बैंक माना जाता रहा है लेकिन इसमें भी बदलाव आ रहा है और अलग अलग तरह के क्षेत्रों के लिए नई तरह की बैंकिंग शुरू हुई है।