गरीब रथ एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्री ध्‍यान दें, पांच दिन नहीं चलेगी यह ट्रेन

गरीब रथ एक्सप्रेस में अब यात्रा और अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक होगी। इस ट्रेन में अब चेयरकार कोच नहीं लगेंगे। एक  अगस्त 2024 से इसकी बुकिंग बंद कर दी गई है।

अब पारंपरिक आईसीएफ (इंटिग्रेटेड कोच फैक्ट्री) की जगह अब एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) रैक लगेंगे। इसके सभी कोच थर्ड एसी इकोनॉमी श्रेणी के होंगे। गरीब रथ में लगने वाले थर्ड एसी कोच में 72 बर्थ होते हैं। थर्ड एसी इकोनॉमी में इसकी जगह 81 बर्थ उपलब्ध होगी।

थर्ड एसी से कम होगा किराया

इससे एक कोच में नौ और पूरी ट्रेन में 162 बर्थ की संख्या बढ़ जाएगी। इससे अधिक यात्री यात्रा कर सकेंगे। इससे पूर्व दिशा की ट्रेनों में कंफर्म टिकट न मिलने में होने वाली परेशानी दूर होगी। थर्ड एसी से इसका किराया भी आठ से 10 प्रतिशत कम होता है।

कब शुरू हुई थी गरीब रथ एक्सप्रेस?

अधिकारियों का कहना है कि पुराने हो चुके गरीब रथ के रैक को बदलने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2006 में लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत की थी। पूरे देश में अलग-अलग रूट पर 26 गरीब रथ एक्सप्रेस चलती हैं। शुरुआत से इसमें पारंपरिक रैक लगाए जा रहे हैं। इन्हें बदलने की कई बार चर्चा हुई।

अब इन पुराने रैक को बदलकर एलएचबी रैक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कारण चेयर कार की बुकिंग बंद की गई है। अधिकांश गरीब रथ ट्रेनों में सिर्फ थर्ड एसी के कोच लगते हैं। सहरसा-अमृतसर सहित कुछ ट्रेनों में चेयरकार भी लगाए जाते हैं।

पांच दिन रद्द रहेगी ट्रेन

एक अगस्त से यात्रियों को चेयरकार में यात्रा करने की सुविधा नहीं मिलेगी। सहरसा-अमृतसर गरीब रथ में 31 जुलाई तक थर्ड एसी और चेयरकार दोनों के टिकट मिल रहे हैं। एक से पांच अगस्त तक यह ट्रेन निरस्त कर दी गई है। उसके बाद छह अगस्त से चेयरकार का टिकट नहीं मिल रहा।

यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधा

थर्ड एसी इकोनॉमी श्रेणी के कोच में अग्निरोधक उपकरण, फोल्डेबल स्नैक टेबल, आधुनिक शौचालय, रीडिंग लाइट और यूएसबी चार्जिंग पाइंट रहते हैं।

अगर आप भी गरीब रथ एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले हैं या इस ट्रेन में आपकी टिकट बुक है तो आपके लिए सलाह है कि घर से निकलने से पहले ट्रेन के बारे में पूरी जानकारी पता कर लें।

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