6 साल बड़ी आशा भोसले से ‘पंचम दा’ ने की थी दूसरी शादी, बौखलाई मां ने कहा…
June 27, 2018
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60 के दशक से लेकर 80 के दशक तक सुपरहिट गाने देने वाले संगीतकार और गायक राहुल देव बर्मन यानी आरडी बर्मन का जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ था। आरडी बर्मन को लोग प्यार से ‘पंचम दा’ कहकर बुलाते थे। उनकी और आशा भोसले की प्रेम कहानी भी काफी म्यूजिकल रही है।
आरडी बर्मन और आशा भोसले की पहली मुलाकात 1956 में हुई थी। तब तक आशा भोसले ने इंडस्ट्री में अच्छी खासी पहचान बना ली थी। जबकि आरडी बर्मन मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन के टीएनज बेटे थे। करीब 10 साल बाद वो मौका आया जब आरडी बर्मन ने फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ के लिए आशा भोसले से गाने के लिए संपर्क किया।
तब तक पंचम दा और आशा भोसले दोनों की ही पहली शादी टूट चुकी थी। पंचम दा अपनी पहली पत्नी रीता पटेल से अलग हो गए थे। वो रीता पटेल से इतना परेशान हो चुके थे कि घर छोड़कर होटल में रहने चले गए थे। वहीं आशा भोसले अपने पति गणपतराव भोंसले से बिल्कुल खुश नहीं थीं। एक दिन ऐसा आया जब दो बेटों और एक बेटी के साथ गर्भवती आशा ने अपनी बहन के घर की ओर रुख किया। उनका तीसरा बेटा इसी के बाद हुआ।
इसी बीच आशा भोसले लगातार पंचम के लिए गाने गा रही थीं। दोनों के गाने सुनकर ऐसा लगता था कि पंचम का संगीत और आशा की सुरीली आवाज एक दूसरे के लिए ही बने हैं। कई सालों तक बगैर शब्दों के ही उनके एहसास संगीत की तरह रोमांस बनकर बहते रहे। संगीत उन्हें करीब ला रहा था। इस दौर में दोनों ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने दिए।
दोनों की शादी का रास्ता इतना भी आसान नहीं था। आशा की उम्र पंचम से ज्यादा थी जिस वजह से उनकी मां इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थीं। जब पंचम ने अपनी मां से शादी की अनुमति मांगी तो उन्होंने गुस्से में कांपती हुई आवाज में कहा- ‘जब तक मैं जिंदा हूं ये शादी नहीं हो सकती, तुम चाहो तो मेरी लाश पर से ही आशा भोसले को इस घर में ला सकते हो।’
आज्ञाकारी पंचम ने मां से उस वक्त कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहां से चले गए। फिर उन्हें शादी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा हालांकि शादी तो उन्होंने मां के जीते जी ही की लेकिन मां की ऐसी हालत हो चुकी थी कि उन्होंने किसी को पहचानना बंद कर दिया था।
पंचम और आशा की ये म्यूजिकल लव स्टोरी का सफर ज्यादा दिन तक नहीं चल सका और शादी के 14 साल बाद ही पंचम दा, आशा भोंसले को अकेले छोड़कर 54 साल की उम्र में इस दुनिया से चले गए। पंचम के चले जाने के बाद आशा बिल्कुल टूट गई थीं। बाद में वो कई सालों बाद सामान्य हो पाईं।