पाकिस्तान की इकनॉमिक ग्रोथ रेट 6.1% से लुढ़क कर 0.3% तक सिकुड़ी…
पड़ोसी देश पाकिस्तान ने आर्थिक बदहाली से उबरने के लिए ज्यों-ज्यों दवा की, उसका मर्ज और बढ़ता गया। अब हालात ये हैं कि पाकिस्तान की इकनॉमिक ग्रोथ रेट 6.1% से लुढ़क कर 0.3% तक सिकुड़ चुकी है और अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले दो बड़े सेक्टर पंगु हो चुके हैं। संप्रभु डिफ़ॉल्ट से बचने के प्रयास में पाकिस्तान ने आयात पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए थे ताकि डॉलर की कमी के संकट से निबटा जा सके लेकिन शहबाज शरीफ सरकार के इस फैसले ने पाकिस्तान में औद्योगिक क्षेत्र और सेवा क्षेत्र को अपंग बना दिया। नतीजतन, पाकिस्तान का आर्थिक विकास दर काफी नीचे लुढ़क गया है। निवर्तमान वित्तीय वर्ष में ग्रोथ रेट 0.3% तक गिर चुका है।
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय लेखा समिति की बैठक के बाद योजना सचिव ने घोषणा की है कि मौजूदा वर्ष 2022-23 के लिए अनंतिम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 0.29% अनुमानित है। इमरान खान की अगुवाई वाली पीटीआई सरकार के अंतिम वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर 6% थी, जिसे एनएसी ने बुधवार को 6.1% तक समायोजित किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 0.29% की आर्थिक विकास दर पिछले चार वर्षों में राष्ट्रीय उत्पादन में सबसे कम वृद्धि है, जो अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को उजागर करती है और 25 करोड़ लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर बाढ़ के बावजूद, कृषि क्षेत्र ने 1.6% की वृद्धि दर्ज की है और फसलों पर विनाशकारी प्रभाव के कारण संकुचन के सभी पूर्वानुमानों को ध्वस्त कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी औद्योगिक क्षेत्र ने 2.94% का विकास हासिल किया है जबकि अर्थव्यवस्था में अकेला सबसे बड़ा क्षेत्र कहलाने वाले सर्विस सेक्टर में 0.9% की मामूली वृद्धि दिखाई दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार अपने आर्थिक कुप्रबंधन के कारण सभी लक्ष्यों को हासिल करने से चूक गई है। इससे बड़े पैमाने पर नौकरियों में छंटनी का संकट गहरा गया है और मुद्रास्फीति दर 59 साल के उच्चतम स्तर 36.4% पर चला गया है।
राष्ट्रीय लेखा समिति ने विवादास्पद अंदाज में बुधवार रात बैठक की और 30 जून को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अनंतिम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर को मंजूरी दे दी। योजना सचिव जफर अली शाह ने बैठक की अध्यक्षता की।