फीफा विश्व कप: सेनेगल को चौंकाने उतरेगा एशिया पावरहाउस जापान

येकातेरिनबर्गः रूस फीफा विश्वकप में अंडरडॉग के तौर पर उतरी जापान ओपनिंग मैच में शानदार जीत के बाद एशिया की पावरहाउस मानी जा रही है और ग्रुप एच से नॉकआउट की राह तय करने के लिए आज अब सेनेगल को चौंकाने उतरेगी। ‘ब्लू समुराई’ अकीरा निशिनो के मार्गदर्शन में बहुत ही उच्च स्तरीय प्रदर्शन कर रही है।
विश्वकप में अपने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ उतरी जापानी टीम को शुरूआत में ग्रुप एच में अंडरडॉग माना जा रहा था लेकिन ओपनिंग मैच में उसने कोलंबिया को 2-1 से हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया और अब वह ग्रुप में शीर्ष पर है। हालांकि नॉकआउट के लिये उसके सामने सेनेगल की चुनौती है जिसने ग्रुप के एक अन्य मैच में पोलैंड को 2-1 से हराया था और वह भी दूसरे पायदान पर है।
जापानी मिडफील्डर जेनेकी हारागुची ने दूसरे अहम मैच को लेकर कहा, हमने शुरूआत में अच्छा डिफेंस दिखाया लेकिन साथ ही आक्रामकता भी दिखाई। हम शुरूआती जीत के बावजूद अति उत्साहित नहीं है क्योंकि हमने 90 मिनट तक 10 खिलाड़ियों वाली टीम के खिलाफ खेला है। हमें अगले मैच में ज्यादा बेहतर खेलना होगा।
कोलंबिया के खिलाफ मैच में उसके कप्तान कार्लाेस सांचेज के बाहर हो जाने से जापान को फायदा मिला था। इस जीत के बाद जापानी टीम एशिया की पहली टीम बन गयी है जिसने विश्वकप में किसी दक्षिण अमेरिकी टीम को हराया है। हालांकि सेनेगल ने भी विजयी शुरूआत की है जिसका लक्ष्य भी नॉकआउट की राह तय करना है। राबर्ट लेवानडोवस्की की अगुवाई वाली पोलैंड के खिलाफ सेनेगल ने जबरदस्त डिफेंस दिखाया था और उसके कोच आलियू सिसे को भरोसा है कि वह जापान की चुनौती को तोड़ पाएंगे।
वर्ष 2002 विश्वकप में सेनेगल के कप्तान थे जिसने फ्रांस को एकमात्र मैच में हराया था। सेनेगल की टीम के एकादश में 10 खिलाड़ी ऐसे हैं जो यूरोप की लीगों में खेलते हैं जिसमें लीवरपूल के फारवर्ड सादियो माने और नेपोली के डिफेंडर कालिडू कोलीबाली प्रमुख हैं। सेनेगल की टीम 16 वर्षाें में पहली बार विश्वकप फाइनल्स में पहुंची है और टूर्नामेंट में एकमात्र अफ्रीकी टीम है जिसने अपना मैच जीता है जबकि मिस्र और मोरक्को बाहर हो चुकी हैं जबकि नाइजीरिया तथा ट्यूनीशिया ने भी ओपङ्क्षनग मैच हारे हैं।
जापान की टीम गोल स्कोरर शिंजी कागावा और यूया ओसाका पर सबसे अधिक निर्भर है जबकि फारवर्ड लाइन में कीसूके होंडा भी एशियाई टीम को तीसरी बार अंतिम-16 में पहुंचने में अहम योगदान दे सकते हैं। यदि जापान नाकआउट में पहुंचना है तो उसका सामना इंग्लैंड या बेल्जियम से हो सकता है। लेकिन निशिनो का कहना है कि वह अभी इतना आगे की नहीं सोच रहे हैं।