एक दूसरे के होने वाले थे दूल्हा-दुल्हन, तभी लड़की वालों ने देख लिया लड़के का CIBIL स्कोर
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आजकल जब भी बैंक या अन्य लोने देने वाली संस्थाएं ग्राहकों को लोन देती हैं या फिर उन्हें क्रेडिट कार्ड मुहैया कराती हैं तो वो ग्राहक का सिबिल स्कोर देखती हैं. CIBIL का मतलब है, Credit Information Bureau (India) Limited. ये 3 अंकों की एक संख्या होती है जो किसी इंसान के लोन लेने की योग्यता के बारे में बताती है. ज्यादा सिबिल स्कोर का मतलब होता है कि व्यक्ति लोन चुकाने में समर्थ है वहीं कम स्कोर का अर्थ होता है कि वो लोन नहीं चुका पाएगा. सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. ये सिबिल स्कोर अब सिर्फ लोन की योग्यता का मानक नहीं है, बल्कि शादी करने की योग्यता का मानक बन गया है! अगर आपको लग रहा है कि हम मजाक कर रहे हैं, तो आपको महाराष्ट्र की एक खबर के बारे में जरूर पढ़ना चाहिए. यहां पर लड़की वालों ने शादी कैंसिल कर दी, सिर्फ इसलिए क्योंकि दूल्हे का सिबिल स्कोर कम था.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के मुरतिजापुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. यहां एक शादी सिर्फ इसलिए टूट गई क्योंकि दूल्हे का सिबिल स्कोर कम था. अब तक तो आपने कुंडली न मिलने की वजह से रिश्ते टूटते हुए सुने होंगे, पर सिबिल स्कोर कम होने की वजह से शादी टूटने का ये मामला शायद पहली बार सामने आया है.
शादी हो गई कैंसिल
बातचीत हो चुकी थी, रिश्ता तय हो चुका था सिर्फ शादी की तारीखें निकलना बाकी थी. पर तभी दुल्हन के मामा ने डिमांड की कि लड़का अपने सिबिल स्कोर के बारे में बताए. रिपोर्ट सिबिल रिपोर्ट से पता चला कि लड़के ने कई लोन लिए हैं. इसके साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. बेटी के भविष्य की चिंता करते हुए लड़की के परिवार ने रिश्ते के लिए मना कर दिया.
मामले की सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा
लड़की के मामा ने कहा कि ऐसे लड़के से क्यों शादी की जाए, जो कर्ज में डूबा हुआ है. इस मामले के बाद समझा जा सकता है कि अब आर्थिक तौर पर संतुलित होना भी कितना जरूरी हो गया है. हालांकि, आजकल इस बात पर भी विवाद होता है कि अगर लड़कियों को इतनी ज्यादा फाइनैंशियल स्टेबिलिटी चाहिए, तो फिर अगर लड़के भी दहेज की डिमांड करें तो उसमें क्या गलती है? इस वजह से ऐसे मामले काफी विवादित हो जाते हैं.