एक दिन शशि कपूर को घर चलाने के लिए बेचना पड़ा था अपना सब कुछ

अपने जमाने के सबसे बिजी स्टार्स में से एक रहे शशि कपूर की 79 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया । वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शशि कपूर ने 60, 70 और 80 के दशक में फिल्मी पर्दे पर जो जलवा बिखेरा वैसा अब कहीं देखने को नहीं मिलता। शशि कपूर उस दौर में एक साथ 6 से 7 फिल्मों में काम किया करते थें।  शशि कपूर एक दिन में छह शिफ्ट में काम करते थे। उस वक्त उनसे मिलना तक मुश्किल हो जाता था। आखिर उनका शेड्यूल ही ऐसा होता था। वो एक फिल्म की लोकेशन से दूसरी फिल्म की लोकेशन की तरफ भागते रहते।
 

शशि कपूर के इस रवैये से एक बार उनके भाई राज कपूर भी परेशान हो गए थे और उन्हें ‘टैक्सी’ कहकर बुलाने लगे जिसे जब चाहे कोई भी किराए पर ले सकता था और मीटर चलना शुरू हो जाता था। शशि कपूर ने 60 के दशक में डेब्यू किया था जो सक्सेसफुल रहा। इस दौरान उन्होंने करीब 116 हिंदी फिल्में कीं जिनमें से 61 सोलो हीरो के तौर पर थीं, लेकिन जिस तरह तेजी से चमकते सूरज को भी ग्रहण लग जाता है ठीक  वैसे ही शशि कपूर के करियर को भी ग्रहण लग गया।

इसी दशक में उनके पास काम के लाले पड़ गए और उन्हें काम मिलना बंद हो गया। काम ना होने की वजह से शशि कपूर मायूस हो गए। घर चलाने के लिए उन्हें लिए पैसों की जरूरत थी।

मजबूरन उन्हें अपनी स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ी। पति का सहारा बनने और घर परिवार को संभालने के लिए उनकी पत्नी जेनिफर केंडल को सामान बेचना पड़ा। इसका जिक्र उनके बेटे कुणाल कपूर ने एक इंटरव्यू में भी किया था। बतौर कुनाल कपूर, ‘पिताजी ने स्पोर्ट्स कार बेच दी थी। हमारे पास पैसे नहीं थे तो इसलिए मां ने सामान बेचना शुरू कर दिया।’

इससे शशि कपूर और उनका परिवार हताश नहीं हुआ। हर रात के बाद सुबह जरूर होती है और इसी आशा के साथ शशि कपूर ने अपना विश्वास बनाए रखा…और फिर 70 के दशक में शशि कपूर एक ऐसा सितारा बनकर  चमके जिसकी चमक के आगे बाकी सितारे भी फीके लगने लगे। सफलता के शिखर पर रहते हुए शशि कपूर ने राखी से लेकर जीनत अमान, शर्मिला टैगोर, नंदा, परवीन बाबी और हेमा मालिनी जैसी बड़ी हीरोइनों के साथ काम किया।
 
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