सावन बुधवार पर रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे देवगुरु बृहस्पति

सावन का महीना भगवान शिव को विशेष प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सोमवार और मंगलवार का व्रत रखा जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सावन का महीना कई जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। इस महीने में देवगुरु बृहस्पति नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। इनमें 5 राशि के जातक अधिक लाभान्वित होंगे। आइए, इन 5 राशियों के बारे में जानते हैं-

गुरु नक्षत्र गोचर

ज्योतिषियों की मानें तो वर्तमान समय में देवगुरु बृहस्पति रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण में विराजमान हैं। इस चरण में देवगुरु बृहस्पति 30 जुलाई तक रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 31 जुलाई को देर रात 03 बजकर 30 मिनट पर रोहिणी नश्रत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश करेंगे। इस नक्षत्र में देवगुरु बृहस्पति 19 अगस्त तक विराजमान रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 20 अगस्त को संध्याकाल 05 बजकर 22 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र से निकलकर मृगशिरा नक्षत्र में गोचर करेंगे।

ग्रह स्थिति

देवगुरु बृहस्पति वर्तमान समय में वृषभ राशि में उपस्थित हैं। इस राशि में देवगुरु बृहस्पति 14 मई, 2025 तक रहेंगे। देवगुरु बृहस्पति 09 अक्टूबर को वक्री होंगे। वहीं, 04 फरवरी 2025 को मार्गी होंगे।

मेष राशि

देवगुरु बृहस्पति के नक्षत्र चरण परिवर्तन से मेष राशि के जातक सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। इस राशि के अर्थ भाव में देवगुरु बृहस्पति और मंगल देव विराजमान हैं। अत: मेष राशि के जातकों को सावन माह में विशेष धन लाभ होगा। साथ ही सभी प्रकार के रुके कार्य बन जाएंगे। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से आय में वृद्धि होगी। साथ ही करियर या कारोबार को भी नया आयाम मिलेगा।

वृषभ राशि

वर्तमान समय में देवगुरु बृहस्पति और ग्रहों के सेनापति मंगल देव वृषभ राशि में विराजमान हैं। गुरु के रोहिणी नक्षत्र के अंतिम चरण में प्रवेश करने से वृषभ राशि के जातकों को सर्वाधिक लाभ होगा। रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों की राशि वृषभ होती है। इस राशि के जातकों पर देवगुरु बृहस्पति की विशेष कृपा बरसेगी। सावन महीने में धार्मिक यात्रा के योग बनेंगे। साथ ही घर-परिवार में मंगल या शुभ कार्य के योग बनेंगे।

कर्क राशि

सावन का महीना कर्क राशि के जातकों के लिए सबसे उत्तम है। इस राशि में देवगुरु बृहस्पति उच्च के होते हैं। इसका शुभ प्रभाव जातक को मिलता ही है। साथ ही सावन महीने में सूर्य देव और शुक्र देव कर्क राशि में उपस्थित हैं। इसके चलते कर्क राशि के जातकों को सावन में विशेष लाभ प्राप्त होगा। देवगुरु बृहस्पति एकादश भाव में विराजमान हैं। अत: कर्क राशि के जातकों के आय और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

सिंह राशि

देवगुरु बृहस्पति वर्तमान समय में सिंह राशि के करियर भाव में विराजमान हैं। इस भाव में गुरु के रहने से सिंह राशि के जातकों को सावन के दौरान करियर और कारोबार में सफलता मिल सकती है। नौकरी बदलने के लिए शुभ समय है। हालांकि, कुंडली में कोई दोष न लगा हो। इसका विचार अपने निकटतम ज्योतिष से अवश्य करा लें। सावन के महीने में गंगाजल में गुड़ या शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

कन्या राशि

देवगुरु बृहस्पति की कृपा कन्या राशि के जातकों पर बरसती है। इस राशि के भाग्य भाव में देवगुरु बृहस्पति विराजमान हैं। वहीं, सावन महीने में सूर्य देव और शुक्र देव आय भाव में विराजमान हैं। इसके चलते कन्या राशि के जातकों के लिए समय बेहद अनुकूल है। हालांकि, केतु के गोचर के चलते कन्या राशि के जातक फैसले लेते समय दुविधा में रह सकते हैं। सावन सोमवार पर गंगाजल में दूर्वा मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।

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