नए साल के मौके पर दिनभर खुलेंगे मंदिर, श्रद्धालु कर सकेंगे रात तक दर्शन
नए साल के मौके पर जम्मू के प्रमुख मंदिरों में सुबह से रात तक दर्शन होंगे, श्रद्धालु आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में उमड़ेंगे।
नए साल की शुरुआत हर कोई मंगल कामना के साथ करना चाहता है। नए साल के पहले दिन मंदिरों में ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। मंदिरों को सजाने पर काम शुरू हो गया है। जम्मू के प्रमुख मंदिर बावे वाली माता मंदिर, रघुनाथ मंदिर, रणबीरेश्वर, कौल कंडोली मंदिर, पीरखो मंदिर सहित सभी अन्य मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक मंदिर दर्शनों के लिए खुले रहेंगे।
मंदिर सुबह चार बजे खोल दिए जाऐंगे। सुबह से लेकर रात तक मंदिर खुले रहेंगे। नए साल में लोग मंदिरों में माथा टेकना शुभ मांगते हैं। साथ ही साल अच्छा बीते, इसी मंशा के साथ मन्नतें मांगते हैं। प्राचीनबावे वाली काली माता मंदिर बाहु फोर्ट के महंत बिट्टा ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए माता के भवन सुबह चार बाजे से रात दस बजे तक खुला रहेगा।
बावे मंदिर जम्मू के प्राचीन मंदिरों में से है। इस कारण लोगों कि मंदिर से अटूट आस्था जुड़ी है। हर वर्ष पहली जनवरी को मंदिर में परिवार सहित पहुंच कर माता का आशीर्वाद लेते हैं और नए साल के मंगलमय होने की कामना करते हैं। कुछ भक्तों द्वागा लंगर का आयोजन भी किया जाता है। मंदिर का निर्माण 3,000 साल पहले राजा बाहुलोचन ने करवाया है। डोगरा शासकों द्वारा 19वीं शताब्दी में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया।
वहीं कौल कंडोली मंदिर नगरोटा के पुजारी जीतराज शर्मा ने मंदिर की मानता को लेकर बताया कि लोग सुख शांति की कामना कर मंदिर परिसर में लगे प्रचीन बौड़ी के पेड़ पर चुनरी बांध कर मन्नत मांगते हैं। कुछ लोग लंगर का भी आयोजन करते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए मंदिर को तड़के साढ़े चार बजे से लेकर सारा दिन मंदिर खुला रहेगा।
मंदिर की मान्यता है कि भगवान राम की आज्ञा से ही माता वैष्णो देवी जी ने पांच साल की कन्या के रूप में कटड़ा की ओर प्रस्थान किया था। लंबी यात्रा के बाद माता वैष्णो देवी जम्मू से 15 किलोमीटर उत्तर की ओर एक पहाड़ी गांव कौल कंडोली (नगरोटा)पहुंची। यह स्थान माता को बहुत पसंद आया। इसलिए उन्होंने यहीं तपस्या करने का निश्चय किया।
गांव के बच्चे भी जंगल में माता के साथ आकर खेलते तथा झूला झूलते थे। माता का झूला आज भी यहां है। बच्चों को जब प्यास लगती तो माता अपने कटोरे (कौले) को थोड़ा सा हिलाती और उसमें से पानी आ जाता। आज उस स्थान पर एक पवित्र बावली है। उम्मीद के साथ श्रद्धालु नए साल के पहले दिन ज्यादा संख्या में पहुंचते हैं। वहीं,शालामार स्थित रणबीरेश्वर मंदिर के धर्मार्थ ट्रस्ट युनिट मैनेजर ब्रिजमोहन के अनुसार लोग साल के पहले दिन प्राचीन शिवालय में जल अभिषेक कर आशीर्वाद लेते हैं।
साथ ही मंदिर परिसर में स्थित यशोकर्ण पार्क में परिवार सहित साल का पहला दिन व्यतीत करते हैं। मंदिर में सुबह व शाम आरती में लोग हिस्सा ले सकते हैं। जामवंत गुफा पीरखो मंदिर के महंत राजिंद्र नाथ ने बताया कि नए साल पर प्राचीन शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शिवभक्तों के लिए मंदिर सुबह चार बजे खोल दिया जाएगा। सुबह जलाभिषेक के बाद विशेष आरती के आयोजन किया जाएगा।
रघुनाथ बाजार स्थित रघुनाथ मंदिर के धर्मार्थ ट्रस्ट युनिट मैनेजर मनमोहन सिंह जम्वाल के अनुसार मंदिर सुबह साढ़े छह बजे खोला दिया जाएगा। सुबह की आरती साढ़े सात व शाम की आरती का समय आठ बजे रहेगा। हर वर्ष कि तरह श्रद्धालु आरती में शामिल होकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।