छोटी होली पर रहेगा भद्रा का साया

होलिका दहन (Holika Dahan 2025 Date) पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इनमें पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त का संयोग है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त दुखों का नाश होगा। होली के दिन आत्मा के कारक सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे।
हर साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर होली मनाई जाती है। यह पर्व देश और दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है। होली बुराई पर अच्छाई का प्रतीक पर्व है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और मिठाई खिलाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन (Kab Hai Holika Dahan) किया जाता है।
सनातन शास्त्रों में निहित है कि दैत्य हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु के परम भक्त थे। दैत्य हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए कई प्रकार के दंड दिये। दैत्य हिरण्यकश्यप के दंड से भक्त प्रह्लाद बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए। तब दैत्य हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने की साजिश रची।
इसी साजिश के तहत प्रह्लाद को गोद में लेकर होलिका आग के अलाव में बैठी। होलिका को अग्नि से न जलने का वरदान मिला था। हालांकि, भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ। वहीं, होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। इसीलिए होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। लेकिन इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया रहने वाला है। आइए, होलिका दहन (Holika Dahan 2025 Date) का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
फाल्गुन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Falgun Purnima Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक है। 13 मार्च को पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा। वहीं, 14 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर होली मनाई जाएगी।
होलिका दहन भद्रा का साया (Holika Dahan Bhadra Timing)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 13 मार्च को भद्रा का साया सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है। इस दौरान शुभ काम करने की मनाही होती है। भद्रा के दौरान होलिका दहन भी नहीं किया जाएगा।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurat)
ज्योतिषियों की मानें तो 13 मार्च को होलिका दहन का समय देर रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक है। आसान शब्दों में कहें तो 64 मिनट तक होलिका दहन है। इस समय में होलिका दहन किया जाएगा।
पंचांग (Holika Dahan Panchang)
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 28 मिनट पर
चंद्रोदय- शाम 05 बजकर 45 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर (14 मार्च)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 56 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 50 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक