युवा बेरोजगारी के मुद्दे पर देंगे वोट, युवाओं को रोजगार के लिए करना पड़ रहा 50 किलोमीटर का सफर…

विधानसभा चुनाव को लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के युवा इस बार बेरोजगारी के मुद्दे पर वोट देने की बात कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि अब तक जितनी भी सरकारें आई हैं, जो भी उम्मीदवार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचा है। उन्होंने क्षेत्र में रोजगार के अवसर मुहैया नहीं करवाए हैं। इस कारण बेरोजगारी का मुद्दा इस बार विधानसभा चुनाव में सर्वोपरि रहेगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को रोजगार की तलाश के लिए 50 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि एकमात्र बाड़ी ब्राह्मणा औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार की सुविधा मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियां नाममात्र दी जा रही हैं। सीमावर्ती क्षेत्र के युवा नौकरियों के लिए आवेदन तो करते हैं, परंतु मेरिट में उनका चयन नहीं हो पाता है। इसका मुख्य कारण क्षेत्र में बेहतर शिक्षा सुविधा नहीं होना है। उन्होंने कहा कि अब तक सीमावर्ती क्षेत्र में रोजगार के लिए औद्योगिक क्षेत्र या अन्य कोई विकल्प नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का मुद्दा युवाओं को दिन प्रतिदिन चिंतित कर रहा है। शिक्षा हासिल करने के बाद भी रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। क्षेत्र के युवा मानसिक तौर पर बीमार हो रहे हैं। अग्निवीर योजना के बाद ज्यादातर युवा खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के युवा आज भी दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हैं।

क्षेत्र में पार्ट टाइम काम करने के लिए कोई भी रोजगार उपलब्ध नहीं है। रोजगार का विकल्प न होने के चलते पढ़ाई से वंचित रहना पड़ता है। औद्योगिक क्षेत्र में 50 किलोमीटर जाने के बाद रोजगार की सुविधा मिलती है। लिहाजा इस बार का वोट बेरोजगारी के मुद्दे पर दिया जाएगा। -रामपाल, निवासी गांव चक शेरा

क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले उम्मीदवार को वोट दिया जाएगा। इस बार चुनाव में क्षेत्र में औद्योगिक इकाई लाने के लिए उम्मीदवार को प्रतिबद्ध किया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को घर पर रोजगार मिलने से कई प्रकार की कठिनाइयां खत्म होंगी। -रमन कुमार, निवासी गांव ब्यासपुर परलाह

सरकारों ने बेरोजगारी को लेकर उचित कदम नहीं उठाए हैं। शिक्षा की बेहतर सुविधा न होने से युवा नौकरियों के लिए चयनित नहीं हो रहे हैं। इससे बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं के लिए किसी प्रकार की भी भर्ती का प्रावधान नहीं है। -कार्तिक कुमार, गांव परलाह

सीमावर्ती क्षेत्र में खेतीबाड़ी पर ही बुजुर्ग गुजारा करते रहे हैं। बेरोजगारी के प्रति सरकारों ने कोई उचित कदम नहीं उठाए हैं। नई पीढ़ी भी खेतीबाड़ी पर ही निर्भर हो रही है। लिहाजा इस बार का चुनाव में मुख्य मुद्दा बेरोजगारी का रहेगा। -दीपक कुमार, निवासी अरनिया

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