नवरात्रि के पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की आरती, भर जाएगी खाली झोली
शारदीय नवरात्र का पर्व बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। यह समय देवी दुर्गा की पूजा और गहन भक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान माता रानी की खास पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 7 अक्टूबर यानी कल मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है।
ऐसे में इस दिन सुबह उठकर स्नान करें। फिर मां को पांच तरह के फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद मां एक लय में मां की भव्य आरती करें। इससे आपके जीवन में संतान से जुड़ी सभी मुश्किलें समाप्त होंगी।
।।स्कंदमाता की आरती।।
जय तेरी हो स्कंद माता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता॥
सबके मन की जानन हारी।
जग जननी सबकी महतारी॥
तेरी जोत जलाता रहू मैं।
हरदम तुझे ध्याता रहू मै॥
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा॥
कही पहाडो पर है डेरा।
कई शहरों में तेरा बसेरा॥
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तू ही खंडा हाथ उठाए॥
दासों को सदा बचाने आयी।
भक्त की आस पुजाने आयी॥
पूजन मंत्र
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।