स्कूल शिक्षा राज्‍यमंत्री इंदर सिंह परमार के निर्देश पर पांचवीं व आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की ली जाएगी बोर्ड परीक्षा

प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग 13 साल बाद फिर से पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू करेगा। बोर्ड परीक्षा इसी सत्र 2021-22 से शुरू होगी। स्कूल शिक्षा राज्‍यमंत्री इंदर सिंह परमार के निर्देश पर इस सत्र से पांचवीं व आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा ली जाएगी। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने रूपरेखा तैयार कर ली है। यह परीक्षा अप्रैल में होने की संभावना है। इस सत्र से 13 साल बाद पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षा ली जाएगी। हालांकि 2019 में पांचवीं व आठवीं में बोर्ड की तर्ज पर वार्षिक परीक्षा ली गई थी, लेकिन कोविड के कारण दो पेपर नहीं हो पाए थे तो उस साल बच्‍चों को जनरल प्रमोशन दे दिया गया थ। वहीं 2020 में पहली से आठवीं तक की कक्षाओं के विद्यार्थियों के घर-घर वर्कशीट भेजकर वार्षिक मूल्यांकन किया गया था। अगर इस साल भी कोविड के मामले बढ़ते हैं तो राज्य शिक्षा केंद्र ने प्लान बी भी तैयार किया है। अगर कोविड के बढ़ते मामलों के कारण परीक्षा नहीं हुई तो बच्चों के घर-घर वर्कशीट भेजकर होम बेस्ड परीक्षा ली जाएगी। इसमें 40 फीसद प्रोजेक्ट आधारित मूल्यांकन होगा और 60 फीसद सैद्धांतिक परीक्षा ली जएगी।

2007-08 से बंद कर दी गई पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षाप्रदेश में पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा 2007-08 में बंद कर दी गई थी। निश्‍शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद पहली से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा बंद कर वार्षिक मूल्यांकन शुरू कर दिया था। आरटीई के तहत किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता था। इससे मूल्यांकन में स्कूलों में सभी विद्यार्थियों को पास किया जाने लगा। इससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद मप्र शासन ने 2019 में आरटीई में संशोधन किया। इसके तहत पांचवीं व आठवीं के विद्यार्थियों की बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा होगी। साथ ही फेल होने वाले विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।

कोरोना के मामले बढ़े तो घर पर वर्कशीट भेजकर मूल्यांकन होगाकोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण अगर परीक्षा निरस्त हुई तो राज्य शिक्षा केंद्र ने प्लान बी भी तैयार किया है। कोरोना की तीसरी लहर मार्च के अंत में बढ़ने की आशंका है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं नहीं हुई तो विद्यार्थियों को घर-घर वर्कशीट भेजी जाएगी। वर्कशीट पर बच्‍चों द्वारा जवाब लिखने के बाद अभिभावक उसे स्कूल में जमा करेंगे।

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