छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने पर गरमाई महाराष्ट्र की सियासत; MVA ने किया आंदोलन का एलान
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले को लेकर राज्य की सियासत गर्म हो गई है। विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाडी ने घोषणा की है कि महायुति सरकार के खिलाफ रविवार को मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शपा) सुप्रीमो शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में इसकी घोषणा की।
तीनों नेताओं ने महायुति सरकार की आलोचना करते हुए मूर्ति निर्माण में घोर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि सत्तारूढ़ शासन अब दुर्घटना के लिए भारतीय नौसेना को दोषी ठहरा रहा है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे रविवार को मुंबई में शहीद स्मारक के पास विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेंगे और फिर गेटवे ऑफ इंडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे।
सीएम शिंदे के दावे पर कसा तंज
विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के उस दावे पर भी तंज कसा, जिसमें उन्होंने कहा था कि मालवन में 45 समुद्री मील की गति वाली हवा के कारण छत्रपति की मूर्ति दुर्घटनाग्रस्त हुई। मविआ के नेताओं ने प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अन्य सभी मूर्तियां, स्मारक और इमारतें तथाकथित आंधी का सामना कर गईं तो केवल छत्रपति की मूर्ति ढह गई, क्योंकि प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हुआ था।
मीडिया ब्रीफिंग में उद्धव ठाकरे ने एलान किया कि रविवार को विरोध प्रदर्शन के बाद 2 सितंबर से एमवीए, साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कमीशन साधक महायुति सरकार की खामियों को उजागर करने के लिए पूरे राज्य में आंदोलन आयोजित करेगा। उन्होंने कहा, ‘मूर्ति घटना और महायुति शासन में भारी भ्रष्टाचार के अलावा हम हमारी माताओं, बहनों और बेटियों पर हो रहे अत्याचारों और यौन हिंसा को देखते हुए महिला सुरक्षा का सवाल भी उठाएंगे।’ उन्होंने कहा कि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है।
उद्धव ने महायुति सरकार को बताया शिव द्रोही
उद्धव ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महायुति के सहयोगी- शिवसेना, भाजपा और राकांपा- जो “शिव प्रेमी” (शिव भक्त) होने का दावा करते हैं, वास्तव में “शिव द्रोही” (शिव गद्दार) हैं और उन्हें आगामी चुनाव में बाहर फेंक दिया जाना चाहिए। वहीं शरद पवार और नाना पटोले ने यह इंगित करते हुए कि कई दशकों और सदियों पुराने स्मारक, किले, मूर्तियां समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं, छत्रपति शिवाजी महाराज के सभी प्रशंसकों और अनुयायियों से अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए रविवार को बड़ी संख्या में आंदोलन में भाग लेने का आह्वान किया।