भारतीय आयात नीति पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर किया हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत की अर्थ नीति पर सवाल उठाया है. उन्होंने अमेरिकी गवर्नर्स की बैठक में कहा कि भारत से बाइक जब हमारे यहां आती है तब हमें कुछ नहीं मिलता. लेकिन जब हमारे यहां से बाइक भारत जाती है तब हमें 100 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. बता दें कि एक हफ्ते के भीतर अमेरिकी राष्ट्रपति का इस प्रकार से यह दूसरा बयान है. माना जा रहा है कि अमेरिका की ओर से भारत पर यह दबाव बनाने की कोशिश है कि वह अपने आयात नीति में बदलाव करें और टैक्स दरों को घटाए. इतना ही नहीं, उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि भारत ऐसा नहीं करता तब अमेरिका भी अपने यहां पर शुल्क लगाने पर विचार कर सकता है. 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की नीति पक्षपातपूर्ण है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह व्यापार बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं यह बात कह तब हार्ले के मालिक चुप रहे हैं, क्योंकि उनको इस बात की आदत हो गई है.

उल्लेखनीय है कि पिछले बुधवार को हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर उच्च आयात शुल्क को लेकर भारत पर निशाना साधा और इसे अनुचित करार दिया था. ट्रंप की यह प्रतिक्रिया उस समय आई जब भारत ने हार्ले डेविडसन जैसी महंगे ब्रांड की आयातीत मोटरसाइकिलों पर शुल्क को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. यही नहीं ट्रंप ने भारतीय मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क बढ़ाने की भी धमकी दी थी. इस्पात उद्योग पर कांग्रेस के सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान ट्रंप ने यह बात कही थी. ट्रंप ने कहा कि भारत सरकार ने हाल में आयातीत मोटरसाइकिलों पर शुल्क 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जो कि काफी नहीं है और उन्होंने इसे परस्पर अनुवर्ती बनाने के लिए कहा है क्योंकि अमेरिका में मोटरसाइकिल आयात पर ‘शून्य कर’ लगता है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने अप्रत्यक्ष रूप से इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई हालिया बातचीत का भी उल्लेख किया. ट्रंप ने मोदी के साथ पिछले हफ्ते हुई बातचीत के संदर्भ में कहा, ‘भारत से एक महान सज्जन ने मुझे फोन किया और कहा कि हमने मोटरसाइकिलों पर शुल्क को 75 प्रतिशत और यहां तक कि 100 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है.’ ट्रंप ने एक बार फिर से ‘परस्पर अनुवर्ती कर’ की वकालत करते हुए देशों पर अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा, ‘इसलिये मैं कहता हूं, कि इस तरह के मामलों में परस्पर अनुवर्ती कर होना चाहिए. मैं भारत को दोष नहीं दे रहा हूं. मुझे लगता है कि उन्हें इसके साथ जाना चाहियए. मुझे नहीं पता क्यों लोग उन्हें इससे (परस्पर अनुवर्ती कर) दूर रहते हैं, लेकिन यह एक उदाहरण है जो कि अनुचित है. मेरा मानना है कि परस्पर अनुवर्ती कर होना चाहिए.’ 

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