OMG! सोशल मीडिया पर टिपटॉप दिखने के लिए करवा रहे प्लास्टिक सर्जरी

व्यक्ति असल जिंदगी में चाहे जैसा हो, लेकिन सोशल मीडिया पर टिपटॉप दिखने की पूरी कोशिश करता है। यह एक तरह का दबाव है जो लोगों को दूसरों से बेहतर दिखने के लिए प्रेरित करता है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अब इसका नकारात्मक असर नजर आने लगा है। बड़ी संख्या में यूजर, खासतौर पर युवा प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जरी करवा रहे हैं। सिर्फ इसलिए कि सोशल मीडिया पर उनकी सूरत दूसरों से बेहतर नजर आ सके।

यूं तो नेफील्ड काउंसिल ऑन बायोऐथिक्स की यह रिपोर्ट ब्रिटेन पर आधारित है, लेकिन कमोबेश यही स्थिति भारत समेत तमाम देशों में है। ब्रिटेन में सरकार से जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।

खोफ में जी रहे युवा और बच्चे

रिपोर्ट में लिखा गया है कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच युवा और बच्चे अलग तरह के खौफ में जी रहे हैं। उनका पूरा फोकस अपनी बॉडी इमेज पर है। फोटो शेयर करते समय उन्हें चिंता सताती है कि पॉजिटिव रेटिंग मिलेगी या निगेटिव। यही कारण है कि प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जरी का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है।

खास बात यह भी है कि इस तरह की सर्जरी करने वाले सेंटर्स पर अभी सरकार का नियंत्रण नहीं है। इस कारण इस इंडस्ट्री और ऐसी सर्जरी से होने वाले नुकसान के बारे में सही-सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले ब्रिटेन में कॉस्मेटिक सर्जरी का बाजार 3.6 बिलियन पौंड का है।

ऐसे ऐप्स पर भी लगे रोक

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रिपोर्ट जारी होने के बाद मांग की गई है कि मेकओवर ऐप्स और ऑनलाइन प्लास्टिक सर्जरी गेम्स पर रोक लगाई जाए। नौ साल तक के बच्चे भी इनसे प्रभावित हो रहे हैं और अपनी शक्ल को बेहतर बनाने के जतन में लगे हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर की प्रो. जे. एडवर्ल्ड्स के अनुसार, हर दिन सोशल मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों की बारिश हो रही है, जिनमें बताया जा रहा है कि महिलाओं और लड़कियों को सोशल मीडिया पर कैसा नजर आना चाहिए।

‘प्लास्टिक सर्जरी प्रिंसेस’, ‘लिटिक स्कीन डॉक्टर’ और ‘पिम्प माय फेस’ जैसे ऐप्स युवाओं को मानसिक बीमार बना रहे हैं।

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