ई-रुपये का ‘ऑफलाइन’ लेनदेन शुरू करेगा आरबीआई : गवर्नर शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पायलट परियोजना में ‘ऑफलाइन’ लेन-देन शुरूआत करने घोषणा की। इसका मतलब है कि डिजिटल रुपये के उपयोगकर्ता सीमित इंटरनेट कनेक्शन वाले क्षेत्रों में भी लेनदेन कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि प्रायोगिक परियोजना के तहत इसमें कार्यक्रम आधारित अतिरिक्त उपयोग को शामिल किया जाएगा।

आरबीआई ने दिसंबर, 2022 में खुदरा सीबीडीसी की प्रायोगिक शुरुआत की थी। इसने दिसंबर, 2023 में एक दिन में 10 लाख लेनदेन का लक्ष्य हासिल कर लिया था। उल्लेखनीय है कि अन्य भुगतान मंच विशेष रूप से बेहद लोकप्रिय यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) में पहले से ही ऑफलाइन की सुविधा दी जा चुकी है। दास ने कहा- ‘खराब या सीमित इंटरनेट संपर्क वाले क्षेत्रों में लेनदेन को सक्षम करने के लिए सीबीडीसी-खुदरा (रिटेल) में एक ऑफलाइन सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव है।’

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए पहाड़ी क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी स्थानों पर कई ‘ऑफलाइन’ समाधानों का परीक्षण किया जाएगा। अभी इसके तहत बैंकों द्वारा प्रदान किए गए डिजिटल रुपये वॉलेट का उपयोग करके व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) लेनदेन को सक्षम बनाती है। अब इसे कार्यक्रम आधारित ऑफलाइन रूप से सक्षम करने का काम किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम आधाारित क्षमता के जरिये सरकारी एजेंसियों जैसे प्रयोगकर्ता निश्चित लाभ के लिए भुगतान सुनिश्चित कर सकेंगी। कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए कारोबारी यात्रा जैसे कार्यक्रम आधारित खर्च में सक्षम हो सकेंगी। अतिरिक्त सुविधाएं जैसे वैधता अवधि या भौगोलिक क्षेत्र जिसके भीतर सीडीबीसी का उपयोग किया जा सकता है।

Back to top button