जरुर जाने तीन तलाक बिल से जुड़ी ये 7 बातें, क्यों हो रहा है इसका विरोध

तीन तलाक बिल पर आज से लोकसभा में बहस शुरू हो गई। सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाला ‘मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ आज लोकसभा में पेश कर दिया।

केंद्रीय कानून मंत्री ने इस दौरान इस्लामिक देशों में बिल पर लगाए प्रतिबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी देश है, लेकिन वहां भी तीन तलाक के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
अन्य इस्लामी देशों में भी इस पर कड़ा प्रतिबंध लगाया गया है फिर भी हमारे देश में इसकी हिमायत की जा रही है। बहरहाल सरकार की इस मुहिम में विपक्षी दल तीन तलाक का तो विरोध कर रहे हैं लेकिन मौजूदा बिल के प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं। जानिए बिल से जुड़ी कुछ खास बातें और क्यों हो रहा है इसका विरोध।
-सरकार द्वारा पेश बिल में एक बार में तीन तलाक को अवैध ठहराया गया है। विपक्षी दल इसका समर्थन कर रहे हैं।
-बिल के अनुसार एक बार में तीन तलाक देने पर तीन साल की जेल का प्रावधान है, इस प्वाइंट का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।
-बिल में तीन तलाक को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध रखा गया है। विपक्षी दलों की दलील है इसे असंज्ञेय और जमानती बनाया जाए।
-तीन तलाक देने पर पति पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है, विपक्षी दलों और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी इस पर आपत्ति है।
-पति पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि मजिस्ट्रेट तय करेगा, विपक्षियों द्वारा इस पर भी आपत्ति की जा रही है।
-बोलकर लिखकर, वाट्सएप फेसबुक के द्वारा तीन तलाक देना भी अवैध होगा। इस पर सभी की सहमति है।
-नाबालिग बच्चे को रखने का अधिकार महिला के पास होगा, इसको लेकर भी विरोध के स्वर हैं। दलील ये है कि अगर पति जेल में होगा तो बच्चों का भरन पोषण कैसे होगा।
-गुजारा भत्ता और भरन पोषण के लिए फैसला मजिस्ट्रेट करेंगे, इस पर भी विरोध जारी है।
-बिल के अनुसार एक बार में तीन तलाक देने पर तीन साल की जेल का प्रावधान है, इस प्वाइंट का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।
-बिल में तीन तलाक को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध रखा गया है। विपक्षी दलों की दलील है इसे असंज्ञेय और जमानती बनाया जाए।
-तीन तलाक देने पर पति पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है, विपक्षी दलों और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी इस पर आपत्ति है।
-पति पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि मजिस्ट्रेट तय करेगा, विपक्षियों द्वारा इस पर भी आपत्ति की जा रही है।
-बोलकर लिखकर, वाट्सएप फेसबुक के द्वारा तीन तलाक देना भी अवैध होगा। इस पर सभी की सहमति है।
-नाबालिग बच्चे को रखने का अधिकार महिला के पास होगा, इसको लेकर भी विरोध के स्वर हैं। दलील ये है कि अगर पति जेल में होगा तो बच्चों का भरन पोषण कैसे होगा।
-गुजारा भत्ता और भरन पोषण के लिए फैसला मजिस्ट्रेट करेंगे, इस पर भी विरोध जारी है।