NSG डॉग ‘रॉकेट’ को ‘सेना मेडल’ देने की सिफारिश :पठानकोट हमला

l_Untitled2-1461403928नई दिल्ली।

पठानकोट में वायुसेना बेस पर हुए आतंकी में एक आंतकी को मार गिराने में नैशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) के एक डॉग ‘रॉकेट’ ने अहम रोल निभाया था। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल भी हुआ था। बेल्जियन मालिनोइस ब्रीड के इस डॉग को सेना मेडल देने की सिफारिश की गई है। आग के बीच दौड़ते हुए उसने सबूत इकट्ठा किए थे।

एक आतंकवादी को मार गिराने में निभाई भूमिका

एनएसजी के मुताबिक, ढाई से तीन साल का ‘रॉकेट’ जबरदस्त फुर्तीला है। उसने हथियारों से लैस एक आतंकी को चंद सैकेंड में जमीन पर गिरा दिया। इस आॅपरेशन के दौरा कुछ कमांडोज ने देखा कि एक टेररिस्ट बार-बार पोजिशन बदल रहा है।

रॉकेट को उस बिल्डिंग के अंदर भेजा गया जहां आतंकवादी छिपे हुए थे, उसकी ट्रेनिंग यहां काम आई और उसने पोजिशन बदलने जा रहे टेररिस्ट पर बड़ी चालाकी हमला किया। यह अटैक इतना तेज था कि आतंकी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। वह अपना कंट्रोल खो बैठा। तभी कमांडोज ने उसे मार गिराया।

जलती बिल्डिंग से निकाल लाया सबूत

रॉकेट यहीं नहीं थमा, उसने दूसरी बहादुरी तब दिखाई जब एक बिल्डिंग के अंदर आतंकी लगातार धमाके कर रहे थे। सुरक्षा अधिकारियों ने यह फैसला किया गया कि जवानों की जान दांव पर नहीं लगाई जाएगी। तब आग से जल रही एक बिल्डिंग में रॉकेट को भेजा गया।

रॉकेट बिल्डिंग के अंदर से एक पाऊच लेकर आया, जिसमें एक ग्रेनेड की पिन थी। इससे एनएसजी कमांडोज यह समझ गए कि उस बिल्डिंग के अंदर एक आतंकी है। ​इस ऑपरेशन में रॉकेट को चोट आई। उसका सिर और पंजा जल गया। लंबे ट्रीटमेंट के बाद अब वह दोबारा फिट है।

 

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