NRC पर आ गई बहुत बड़ी खबर, अगर आपका भी 1987 से पहले हुआ है जन्‍म तो…

नई दिल्‍ली। नागरिकता संशोधन कानून पर देश भर में बवाल मचा हुआ है। उत्‍तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्‍चिम तक हिंसात्‍मक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने एनआरसी को लेकर बड़ा संकेत दिया है।

सरकार के हवाले से कहा गया है कि एनआरसी पर सरकार लोगों से सुझाव मांगेगी और जरूरी होने पर इन सुझावों को माना भी जाएगा। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि जिन लोगों का जन्म 1987 से पहले भारत में हुआ है, उन्‍हें एनआरसी या सीएए, किसी भी कानून से डरने की जरूरत नहीं है। जिनके माता-पिता ने 1987 से पहले यहां जन्म लिया है, उन्हें भी कोई परेशानी नहीं होगी। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारतीय नागरिकों से वंशावली नहीं मांगी जाएगी।

सरकार ने यह भी कहा है कि नागरिकता साबित करने के लिए किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया, भारतीय नागरिकों को माता-पिता/दादा-दादी के जन्म प्रमाणपत्र जैसे 1971 के पहले के रिकार्डों से विरासत साबित नहीं करनी होगी।

भारत में 1987 के पहले जन्‍म या उनके माता-पिता का 1987 से पहले देश में जन्‍म होने पर वो कानूनन भारत के नागरिक हैं और देशव्यापी एनआरसी से ऐसे लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं केंद्र सरकार ने एनआरसी को लेकर सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हम सीएए को लेकर लोगों के संदेहों को विभिन्न तरीकों से दूर करने की कोशिश में हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि भारतीय नागरिकों को वंशावली देना की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद लोगों में कुछ संशय की स्‍थिति पैदा हो गई थी। विपक्ष ने भी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया था, जिसके बाद सरकार ने अपनी ओर से यह सफाई दी है।

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