कहीं आप भी तो नहीं खाते है नकली बेसन, ऐसे करें असली और नकली बेसन की पहचान

बेसन का सेवन तो किसी न किसी रूप में लगभग हर घर में ही किया जाता है. किसी को इसके लड्डू पसंद हैं तो किसी को पकौड़े, तो किसी को इसकी कढ़ी बेहद पसंद है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप जो बेसन खा रहे हैं वो मिलावटी (Fake) भी हो सकता है? दरअसल बाजार में इन दिनों मिलावटी बेसन भी खूब मिल रहा है. जो आपके टेस्ट के साथ आपकी सेहत को बिगाड़ने का काम भी कर सकता है. इसको खाने से जोड़ों का दर्द, विकलांगता और पेट की बीमारियों सहित कई और गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं. इसलिए बेसन खरीदने से पहले ये बात समझना ज़रूरी है कि बेसन असली है या नकली. जिससे आपकी सेहत ख़राब होने से बची रह सके. आइये आपको बताते हैं कि असली और नकली बेसन की पहचान किस तरह से की जा सकती है.

ऐसे की जाती है मिलावट

असली बेसन के लिए चने की दाल इस्तेमाल होती है. लेकिन नकली बेसन तैयार करने के लिए मुनाफाखोर 25 प्रतिशत चने के आटे में 75 प्रतिशत तक सूजी, मटर दाल, चावल पाउडर, मक्के और खेसारी का आटा और कृत्रिम रंग मिला देते हैं. इसके साथ ही गेहूं के आटे में भी क्रत्रिम रंग मिलाकर बेसन तैयार किया जाता है.

हाइड्रोक्लोरिक एसिड से करें पहचान

बेसन असली या नकली इसकी जांच करने के लिए आप हाइड्रोक्लोरिक एसिड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए एक बोल में दो चम्मच बेसन लें और इसमें दो चम्मच पानी मिला कर पेस्ट बना लें. अब इसमें दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें और पांच मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें. कुछ देर बाद बेसन में अगर लाल रंग दिखाई दे तो समझ जाएं कि बेसन में मिलावट की गयी है.

नींबू से ऐसे करें पहचान

बेसन में मिलावट है या नहीं है ये जांचने के लिए आप दो चम्मच बेसन लें. अब इसमें दो चम्मच नींबू का रस मिला दें. साथ ही इसमें दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी मिला दें. इसको कुछ देर के लिए रखा रहने दें. कुछ देर बाद अगर बेसन लाल या भूरे रंग का नज़र आता है तो इसका मतलब है कि बेसन नकली है.

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