अब कश्मीर में शुरू हुआ चोटी कटने का आतंक, जनता और पुलिस दोनों परेशान
दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, यूपी में आतंक मचाने का बाद चोटी कटवा का खौफ पंजाब होते हुए इनदिनों कश्मीर में फैल गया है. यहां आए दिन चोटी कटने की घटनाएं हो रही है. इसके बाद हिंसा के भी कई मामले सामने आ रहे है. श्रीनगर पुलिस ने चोटी काटने का अफवाहें फैलाने और भीड़ को भड़काने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया.
पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि परेशानी पैदा करने वालों के खिलाफ अपनी कार्रवाई में सौरा पुलिस थाना ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने में शामिल इन चार बदमाशों को गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि चोटी काटने की अफवाह की आड़ में ये सभी भीड़ को भड़काते थे. वे इलाके में इस अफवाह को लेकर परेशानी पैदा करने में भी शामिल थे.
सामने आए निर्दोषों की पिटाई के 72 मामले
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वेद ने कहा कि कश्मीर में चोटी काटने के संदेह में लोगों ने निर्दोषों की पिटाई की और ऐसे 72 मामले हुए हैं. कानून को अपने हाथों में लेने वाले सभी लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे. निर्दोष लोगों की पिटाई करने वालों के खिलाफ जरूरत पड़ने पर जनसुरक्षा कानून का इस्तेमाल किया जाएगा.
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शरारती तत्वों से सख्ती से निपटेगी पुलिस
उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा चोटी काटने का आरोप लगाने पर किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाएगा. चोटी काटने की 72 घटनाओं में लोगों ने कानून को अपने हाथों में लिया और कश्मीर घाटी में निर्दोष लोगों की पिटाई कर दी. सभी 72 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और पुलिस शरारती तत्वों से सख्ती से निपटेगी.
निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं
डीजीपी ने कहा कि चोटी काटने के संदेह में जनता द्वारा पुलिस को सौंपे गए निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा. इसके अलावा पुलिस अधिकारी भी मीडिया को सभी तथ्यों से स्पष्ट तौर पर अवगत करवाएं. सभी जिलों में विशेष जांच दल बनाए गए हैं. समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उनमें शामिल हैं.
शांति-सामान्य हालत नहीं चाहते कुछ लोग
स्वास्थ्य विभाग को दलों को तैनात करना चाहिए जो उन पीड़ितों से मुलाकात करें जिनकी चोटी काटी गई है. वे दल मामले की जांच करें. चोटी काटने की घटनाएं उत्तर भारत के कई हिस्सों में हुई, उसके बाद यह जम्मू में शुरू हुई. ऐसे मामले दक्षिण, मध्य और उत्तर कश्मीर में भी हुए, लेकिन कश्मीर में ऐसे तत्व हैं जो यहां शांति और सामान्य हालात नहीं चाहते.