उन्होंने पाया किएंबुलेंस का हूटर बजने के बाद भी आगे चलने वाले वाहन चालक रास्ता देने में आनाकानी करते हैं। जबकि मानवीय आधार पर एंबुलेंस को पहले रास्ता दिया जाना चाहिए। इसी के तहत डीआईजी खुराना ने अस्पताल प्रशासन और एंबुलेंस संचालकों से बात कर प्रोजेक्ट निरोग तैयार किया है।
जिले भर में 157 के करीब एंबुलेंस हैं। खुराना के मुताबिक हर एंबुलेंस के आगे सीसीटीवी कैमरा लगाने का प्लान है। यह कैमरा एंबुलेंस संचालक द्वारा अपने खर्च पर लगाया जाएगा।
प्रोजेक्ट निरोग 10 फरवरी से लागू किया जाएगा। रास्ता न देने वाले वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। एक माह बाद ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्रोजेक्ट निरोग 10 फरवरी से लागू किया जाएगा। रास्ता न देने वाले वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। एक माह बाद ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।