अब पंजाब फतेह की तैयारी में भाजपा: दिल्ली में जीत से जोश हाई, पार्टी में होगा फेरबदल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद पंजाब में पार्टी नेताओं में खासा उत्साह है। पार्टी अब पंजाब पर फोकस करने जा रही है। आम आदमी पार्टी (आप) देश में दो राज्यों में काबिज थी, जिसमें अब अकेला पंजाब बचा है। लिहाजा, भाजपा की तरफ से अगले दो साल के लिए रोड मैप की तैयारियां शुरू की जा रही हैं।

सूबे में करीब 39 फीसदी हिंदू वोटर हैं। शहरी वर्ग ने पिछले साल संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट किया था। भाजपा सूबे में 6.6 फीसदी से सीधा जंप कर 18.6 फीसदी पर आ गई तई। हालांकि, 2022 के चुनाव में भाजपा सिर्फ 6.6 फीसदी वोट पर आकर अटक गई थी और दो सीटें ही जीत सकी थी।

पार्टी में जुड़े कई सिख नेता
पंजाब में भाजपा जो रोड मैप तैयार कर रही है, उसके मुताबिक एक तो हिंदुओं की वोट को पार्टी की तरफ किया जाए, वहीं सिखों व दलितों को पार्टी के साथ जोड़ा जाए। पहले भाजपा ने अकाली दल के साथ गठबंधन में रहने के चलते गुरदासपुर, होशियारपुर और अमृतसर लोकसभा सीट तक सीमित रखा हुआ था। पार्टी के पास कई सिख चेहरे आ चुके हैं, जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, राणा गुरमीत सिंह सोढी, केवल ढिल्लों, सोहन सिंह ठंडल, फतेहजंग बाजवा हैं।

खुलकर बल्लेबाजी कर रहे बिट्टू
पंजाब में लंबे समय तक गठबंधन में रहने से भाजपा यहां अपने सिख नेता को भी तैयार नहीं कर पाई थी। अब भाजपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते व तीन बार लगातार सांसद रहे रवनीत सिंह बिट्टू हैं, जो केंद्रीय राज्यमंत्री है और पंजाब में खुलकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। वहीं, दलितों को जोड़ने के लिए जालंधर सीट से सुशील कुमार रिंकू को लाकर आगे किया गया, जो आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सदस्य थे और टिकट मिलने के बाद भी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

कई दलित नेताओं को आगामी दिनों में पहली कतार में ला सकती है पार्टी
पार्टी कई दलित नेताओं को आगामी दिनों में पहली कतार में ला सकती है और उनको केंद्र में अहम जिम्मेदारियां देने की योजना चल रही है। पंजाब में दलितों की आबादी 35 फीसदी है और कई इलाके ऐसे हैं जहां पर यह आबादी 40 फीसदी से अधिक है। इसमें रविदासिया समाज का बहुसंख्यक वोट है। पार्टी के शीर्ष नेता के मुताबिक, आगामी दिन पंजाब भाजपा के लिए अहम है। सूबे की भाजपा में फेरबदल होने जा रहा है। नए चेहरे आगे आ जाएंगे, कई नेताओं को दिल्ली से शक्ति दी जा रही है। अब दिल्ली और हरियाणा में भाजपा है, इसका असर पंजाब पर होगा।

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