अब थाईलैंड में समलैंगिक जोड़े कर सकेंगे विवाह, सरकार ने बनाया कानून

थाईलैंड में समलैंगिक जोड़े अब विवाह के बंधन में बंध सकेंगे। दरअसल, मंगलवार को राजा महा वजीरालोंगकोर्ण की मंजूरी के बाद समलैंगिक विवाह अधिनियम अब कानून बन गया है। यह कानून अगले साल यानी 22 जनवरी 2025 से देश में लागू हो जाएगा।

कानून लागू होने के बाद देश में कोई भी समलैंगिक जोड़ा अपने विवाह का कानूनी तौर पर पंजीकरण करा सकता है। अब थाईलैंड एशिया में तीसरा और दक्षिण-पूर्व एशिया में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है।

विरासत और गोद लेने का मिला अधिकार

अप्रैल में थाईलैंड की प्रतिनिधि सभा और जून में सीनेट में इस विधेयक को पारित किया गया था। अब राजा की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले लिया है। कानून में समलैंगिक विवाह को मान्यता, वित्तीय और चिकित्सा अधिकार प्रदान करने का प्रावधान है। समलैंगिक जोड़े बच्चे गोद ले सकेंगे। उन्हें विरासत का अधिकार भी मिल गया है। वहीं अब दस्तावेजों में लिंग की जगह स्त्री-पुरुष और पति-पत्नी के स्थान पर लिंग तटस्थ शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा।

सबसे पहले नीदरलैंड ने दी थी मान्यता

सबसे पहले 2021 में नीदरलैंड ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी थी। मौजूदा समय में दुनिया के 30 से अधिक देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिल चुकी है। अगर एशिया की बात करें तो ताइवान और नेपाल के बाद थाईलैंड ऐसा करने वाला तीसरा देश बना है। कानून के बनने से थाईलैंड में समलैंगिक विवाह की मांग करने वाले कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

एक दशक चली लड़ाई

22 जनवरी को थाईलैंड में यह कानून लागू होगा। उसी दिन एक हजार से अधिक समलैंगिक जोड़े का सामूहिक विवाह कराने की तैयार भी चल रही है। यह आयोजन बैंकॉक में किया जाएगा। बता दें कि थाईलैंड में पिछले एक दशक से एलजीबीटीक्यू समुदाय यह लड़ाई लड़ रहा था।

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