अभी-अभी: चीन-पाकिस्तान के रडार में न आने वाली ‘करंज’ नौसेना में शामिल
दुश्मनों को चकमा देने में माहिर आईएनएस करंज सबमरीन बुधवार को मुंबई के मझगांव डॉक पर लॉन्च हो गई। चीन और पाकिस्तान के रडार में न आने वाली सबमरीन की लॉन्चिंग के दौरान नौसेना प्रमुख सुनील लांबा भी मौजूद रहे। करंज एक देशी सबमरीन है, जिसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया गया।
दरअसल, आधुनिक तकनीक और सटीक निशाने वाली सबमरीन समुद्री क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा देंगी। इससे पहले पहली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को 14 दिसंबर, 2017 को और दूसरी पनडुब्बी खांदेरी को 12 जनवरी 2017 को लांच किया गया था।
70 हजार करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्ट 75 के तहत 2007 में पनडुब्बी कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसके तहत मझगांव में कलवरी क्लास की छह पनडुब्बियां बन रही थीं। इसमें से तीन लांच हो चुकी हैं।
नौसेना को चाहिए ज्यादा पनडुब्बियां
समुद्र खासकर हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की प्रभावशाली स्थिति के लिए ज्यादा पनडुब्बियां चाहिए। नौसेना के पास अभी सिर्फ 13 पुरानी पनडुब्बियां हैं। हालांकि करंज को लेकर तीन नई परमाणु पनडुब्बियां मिल चुकी हैं। पर चीन के पास 56 और पाकिस्तान के पास 4-5 पनडुब्बियां हैं और वह चीन से आठ पनडुब्बियां खरीद भी रहा है। ऐसी स्थिति में दुश्मन देशों से निपटने के लिए भारत को कम से 18 इलेक्ट्रिक डीजल और छह परमाणु सबमरीन की जरूरत है।