गर्भवती महिलाओं को नहीं पहनना चाहिए बिछिया, वरना हो सकती हैं…

आयुर्वेद के अनुसार पैरों में बिछिया पहनने के कई बड़े फायदे होते हैं। इसके पीछ कई वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण भी हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी महिलाओं में बिछिया पहनने का प्रचलन आज भी है। आज इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि बिछिया पहनना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद क्यों होता है। ज्यादातर लोग जानते ही हैं कि शादीशुदा महिलाओं में बिछिया पहनने की परंपरा है।

बिछिया पहनने के फायदे:
# शांति प्रदान करने में पैर की उंगलियों में चांदी की बिछिया पहनने से यह तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाता है और मन को शांत रखता है। नियमित बिछिया पहनने से यह रक्त चाप की जांच करने में भी सहायक होता है।
# रक्त प्रवाह में शरीर में खून की शिराएं सीधे पैरों की उंगलियों और गर्भाशय से जुड़ी होती हैं। इसलिए पैर की उंगली में बिछिया पहनने से गर्भ में पल रहे शिशु का शरीर मजबूत होता है।
# एक्यूप्रेशर के रूप में पैरों की उंगलियों और गर्भाशय का सीधा संबंध होता है। पैरों की उंगलियों पर पर्याप्त दबाव डालने से यह गर्भाशय के लिए अच्छा माना जाता हैऔर बच्चे को स्वस्थ रखता है।
# एनर्जी प्रदान करने में गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर सिल्वर या मेटल की बिछिया पहनती हैं। इसे पहनने के बाद जब गर्भवती महिलाएं जमीन पर टहलती हैं तो यह सकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है है।
# मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में गर्भावस्था में महिलाओं को मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बेहद जरूरी होता है। इस दौरान पैर की उंगलियों में बिछिया पहनने से यह मां के साथ बच्चे को भी मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
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# गर्भाशय को संतुलित रखने में प्रेगनेंट महिलाओं के पैरों में बिछिया पहनने का एक कारण यह होता है कि यह ऊर्जा के प्रवाह को गर्भाशय में संतुलित करता है।
# मासिक धर्म नियमित बनाने में मासिक धर्म में अनियमितता महिलाओं में एक बड़ी समस्या है। पैर की दूसरी उंगली की तंत्रिका का संबंध मासिक धर्म को नियमित करने में होता है।