महिलाएं ही नहीं, पुरुषों को मर्दों के प्रति भी होता है आकर्षण: स्‍टडी

हालिया अध्‍ययन में सेक्‍स को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. अध्‍ययन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि धरती पर हेट्रोसेक्‍सुअल लोग होते ही नहीं है. शोध में शामिल मनोवैज्ञानिकों के अनुसार अब पुरुषों को ‘स्‍ट्रेट’ कहने की बजाय उन्‍हें ‘मोस्‍टली स्‍ट्रेट’ कहा जाता है.

यह अध्‍ययन कोरनेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है. शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि महिला हो या पुरुष दोनों जेंडर्स से अराउज होते हैं. इसे आसान शब्‍दों आप इस तरह समझें कि महिला और पुरुष अपने समानान्‍तर जेंडर से अपने विपरित जेंडर के व्‍यक्‍त‍ि से अराउज हो सकता है.

अध्‍ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेक्‍सुआलिटी को अलग कैटगरी में विभाजित करके देखने की बजाय उसे एक स्‍पेक्‍ट्रम की तरह देखना चाहिए. प्रमुख शोधकर्ता रिच सी सैविन विलियम्‍स ने कहा कि दुनियाभर के साइकोलॉजिस्‍ट बायसेक्‍सुआलिटी पर अध्‍ययन कर रहे हैं. खासतौर से पुरुषों को लेकर इस पर खासा अध्‍ययन हो रहा है.

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सैविन विलियम्‍स ने अपनी नई किताब ‘Mostly Straight: Sexual Fluidity Among Men’ में बताया गया है कि कैसे युवा अब समाजिक धारणा और बंदिशों को तोड़कर आगे बढ़ रहे हैं. बता दें कि किताब में जिस अध्‍ययन की रिपोर्ट का उल्‍लेख किया गया है, उसे जरलन ऑफ पर्सनाल्‍टी एंड सोशल साइकोलॉजी में भी प्रकाशि‍त किया जा चुका है.

अध्‍ययन में महिलाओं और पुरुषों दोनों को शामिल किया गया है. अध्‍ययन की रिपोर्ट का दावा है कि एक महिला में किसी महिला को देखकर भी सेक्‍स की इच्‍छा उत्‍पन्‍न हो सकती है. ऐसा ही पुरुषों के संदर्भ में भी कहा गया है. अध्‍ययन के नतीजों में यह दावा किया गया है कि एक पुरुष दूसरे पुरुष को देखकर अराउज हो सकता है और यह सभी पुरुषों और महिलाओं के स्‍वभाव में होता है.

इससे पहले यह माना जाता था कि बायसेक्‍सुअल या द्व‍िलैंगिकता सिर्फ महिलाएं में होता है, जबकि यह दोनों जेंडर्स में समान रूप से है.

 
 
 
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