रूस के जरिए यूएन के प्रतिबंधों को मुंह चिढ़ा रहा है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया पर संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद उसके तेवरों में कोइ्र कमी नहीं आई है। हालांकि इन सभी के बीच एक बात जरूर अच्‍छी हुई है कि उत्तर और दक्षिण के बीच रिश्‍ते कुछ सामान्‍य होते जरूर दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तमाम प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया के कोयले को रूस के जरिये जापान और दक्षिण कोरिया भेजा गया है। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया से किए जाने वाले कोयला निर्यात पर पिछले साल 5 अगस्त से प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसा इसलिए किया गया कि वह कोयला निर्यात कर विदेशी मुद्रा न जुटा सके, जिससे उसका न्‍यूक्लियर प्रोग्राम चलता है। माना जाता है कि कोयला निर्यात से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के लिए करता रहा है।

रूस के जरिए यूएन के प्रतिबंधों को मुंह चिढ़ा रहा है उत्तर कोरिया

रूस के जरिए कोयला निर्यात 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यूरोप की तीन खुफिया एजेंसियों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल उत्तर कोरिया ने बड़ी मात्रा में रूस को कोयला निर्यात किया। निर्यात किए गए इस कोयले को बाद में दक्षिण कोरिया और जापान भेजा गया, जो सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन हैं। इस रिपोर्ट में दावा किया है कि उत्तर कोरिया प्रतिबंधों के बावजूद अब तक तीन बार कोयला रूस के बंदरगाहों को भेज चुका है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वहां से इस कोयले को जहाजों में लादकर दक्षिण कोरिया और जापान भेजा गया।

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रूस, जापान और दक्षिण कोरिया पहुंचा कार्गो

शिपिंग क्षेत्र से जुड़े एक सूत्र के हवाले से कहा गया कि पिछले साल अक्टूबर में कुछ कार्गो रूस से जापान और दक्षिण कोरिया पहुंचे थे। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी के एक सूत्र ने कहा कि रूस के जरिए हो रहा उत्तर कोरियाई कोयला व्यापार अब भी जारी है। यूरोपीय सुरक्षा एजेंसी के एक सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि रूस का निखोदका बंदरगाह, उत्तर कोरियाई कोयले के व्यापार के लिए एक बड़ा ट्रांसशिपिंग हब है।

 
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