उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने शिखर बैठक में परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर जताई प्रतिबद्धता

उत्तर और दक्षिण कोरियाई नेताओं ने शुक्रवार को ऐतिहासिक शिखर बैठक के बाद विभाजित प्रायद्वीप में स्थायी शांति और पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का इरादा व्यक्त किया. दोनों देशों को विभाजित करने वाली सैन्य विभाजक रेखा पर प्रतीकात्मक रूप से हाथ मिलाने के साथ ही खुशमिजाजी दिखाते हुए दोनों नेताओं ने पूर्ण निरस्त्रीकरण, परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप के साझा लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक घोषणा – पत्र भी जारी किया. खास बात यह है कि दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले भी लगाया. दुनिया भर की मीडिया के सामने दोनों नेताओं ने शिखर वार्ता के समापन पर मुस्कुराहट के साथ अपनी दोस्ती का प्रदर्शन किया.

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई ने इस बात पर भी सहमति जताई कि वे कोरियाई युद्ध के स्थाई समाधान की दिशा में इस साल प्रयास करेंगे और इसके सैन्य हल के बजाए शांतिपूर्ण संधि से इसे खत्म करने की दिशा में पहल की जाएगी. दोनों नेताओं ने अपने बीच नियमित बैठकों और सीधे फोन वार्ता करने पर भी सहमति जताई. इस घोषणा ने इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया क्योंकि महज कुछ महीनों पहले तक इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. किम ने दक्षिण कोरिया की जमीन पर कदम रखते हुए कहा  कि वह बहुत भावुक हो रहे हैं .

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कोरिया युद्ध के करीब 65 वर्ष बाद दक्षिण कोरिया की भूमि पर कदम रखने वाले किम पहले उत्तर कोरियाई शासक हैं. शिखर सम्मेलन के लिए पनमुंजम के युद्धविराम संधि के अधीन आने वाले गांव के दक्षिणी किनारे पर स्थित ‘पीस हाउस बिल्डिंग ’ में दाखिल होने से पहले किम के आमंत्रण पर दोनों नेता एक साथ उत्तर कोरिया में दाखिल हुए. किम ने बैठक की शुरुआत होने के बाद मून से कहा  कि मैं यहां एक नए इतिहास का प्रारंभिक संदेश देने के दृढ़ संकल्प के साथ आया हूं. शिखर वार्ता के बाद उन्होंने कहा कि दोनों कोरिया यह सुनिश्चित करेंगे कि वह दुर्भाग्यपूर्ण इतिहास को नहीं दोहराएंगे. 
 
 

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