नीतीश कुमार रेड्डी ने वो कर दिखाया जो कोई भी भारतीय नहीं कर सका
भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टी20I में दो बड़ी उपलब्धि हासिल की। वह पहले भारतीय खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ही मैच में 70 से ज्यादा रन की पारी खेली और गेंदबाजी करते हुए दो विकेट चटकाए। अभी तक टी20I में कोई भारतीय ऐसा नहीं कर सका। इसके साथ ही दूसरे युवा भारतीय खिलाड़ी बने जिसने प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता।
दिल्ली के अरुण जेटली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। तीन विकेट जल्द गंवाने के बाद नीतीश रेड्डी और रिंकू सिंह ने ताड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए बड़े स्कोर की नींव रखी। रिंकू सिंह और नीतीश के बीच चौथे विकेट के लिए 108 रन की साझेदारी हुई। इस दौरान नीतीश रेड्डी ने अपना पहला टी20I अर्धशतक जड़ा।
नीतीश रेड्डी बने पहले भारतीय खिलाड़ी
नीतीश रेड्डी ने तेज खेलते हुए 34 गेंद पर 74 रन की पारी खेली। इस दौरान चार चौके और 7 छक्के लगाए। बल्लेबाजी में अपना जलवा बिखेरने के बाद नीतीश कुमार ने गेंदबाजी में भी कमाल कर दिया। नीतीश ने चार ओवर में 23 रन खर्च करते हुए दो महत्वपूर्ण विकेट लिए। इस उम्दा प्रदर्शन से नीतीश रेड्डी ने इतिहास रच दिया। वह टी20I के एक ही मैच में 70 से ज्यादा रन की पारी और दो विकेट लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के लिए POTM जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
20 वर्ष 143 दिन – रोहित शर्मा
21 वर्ष 136 दिन – नितीश कुमार रेड्डी
21 वर्ष 164 दिन – रवि बिश्नोई
21 वर्ष 178 दिन – अक्षर पटेल
21 वर्ष 185 दिन – दिनेश कार्तिक
21 वर्ष 227 दिन – यशस्वी जायसवाल
दूसरे बने सबसे युवा खिलाड़ी
नीतीश कुमार रेड्डी को उनके इस उम्दा प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया। नीतीश यह खिताब जीतने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गए। नीतीश ने 21 साल 136 दिन की उम्र में खिताब जीता। नीतीश रेड्डी ने रवि बिश्नोई को पीछे छोड़ा। इस लिस्ट में टॉप पर रोहित शर्मा काबिज हैं। रोहित को 20 साल 143 दिन में उनका पहला प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला था।
इनकी दिया जीत का श्रेय
वहीं, अपने इस उम्दा प्रदर्शन पर बोलते हुए नीतीश ने कहा, भारत के लिए खेलना गर्व की बात है और टीम की जीत में योगदान देना काफी अच्छा लगता है। कोच और कप्तान ने मुझे आक्रामक तरीके से खेलेने की आजादी दी थी और उसी कारण इस सफलता का श्रेय भी उन्हें जाता है। मैं इसी तरह से हमेशा खेलते हुए, टीम के लिए योगदान देना चाहता हूं।