
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को आतंक-तस्कर और गैंगस्टर के गठजोड़ पर ‘ऑपरेशन ध्वस्त’ के तहत कड़ा प्रहार किया। जांच एजेंसी ने दिल्ली समेत सात राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेश के 324 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। एजेंसी ने भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद जब्त किए हैं। जांच एजेंसी ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ में छापे मारे। एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्रवाई का मकसद लॉरेंस बिश्नोई, छेनू पहलवान, दीपक तीतर, भूपी राणा, विकास लगरपुरिया, आशीष चौधरी जैसे गैंगस्टरों के अलावा एक आतंकवादी अर्श दल्ला के आतंकी गठजोड़ को तोड़ना था। जांच एजेंसी की इस कार्रवाई के बाद कई अहम बातें भी निकल कर सामने आ रही हैं।

भारतीय गैंगस्टर को डी कंपनी से जोड़ने के लिए आईएसआई ने विदेश में उनकी मदद करने के नाम पर स्पेशल यूनिट का गठन किया है। इसके जरिये अंडरवर्ल्ड का नया नेटवर्क तैयार करने की कोशिश चल रही है। अंडरवर्ल्ड और आईएसआई की गतिविधियों पर नजर रखने वाली खुफिया इकाइयों ने यह सूचना एजेंसियों को मुहैया कराई है। यह भी खुलासा किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर से लेकर देश के अन्य इलाकों एक्टिव गैंगस्टर के गुर्गों को डी कंपनी से जोड़ने में जोर-शोर से पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई जुटी हुई है।
आईएसआई की अंडरवर्ल्ड के साथ साठगांठ को लेकर तैयार की गई खुफिया सूचना में इस बात का जिक्र किया गया है कि डी कंपनी को आर्म्स स्मगलिंग, नार्को टेररिज़्म, अंडरवर्ल्ड क्रिमिनल सिंडिकेट तैयार कर खौफनाक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा के लिए फंड जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है।