बिहार के मगध जोन एरिया में टेरर फंडिंग मामले में NIA की कार्रवाई की..
बिहार के मगध जोन एरिया में टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार, एनआईए की टीम ने अरवल जिले में सोमवार को छापामारी की है। वहीं, 23 जून को मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन के पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे प्रयासों के संबंध में सीपीआई (एम) टेरर फंडिंग मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।
एनआईए के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी आनंदी पासवान उर्फ आनंद पासवान पर बिहार के विभिन्न थानों में पांच से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। आनंदी पासवान की पत्नी वर्तमान में परियारी पंचायत से मुखिया हैं। मगध क्षेत्र में (एम) कैडरों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे टेरर फाइनेंसिंग नेटवर्क से संबंधित मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है।
छापामारी में घर से मिले थे हथियार और विस्फोटक
पिछले साल 12 फरवरी को भी टीम ने आनंदी पासवान के घर पर छापेमारी की थी। यह कुख्यात नक्सली प्रद्युम्न शर्मा का करीबी है। 12 फरवरी को हुलासगंज थाना क्षेत्र के रुस्तमपुर गांव में भाकपा माओवादी के सीनियर एक्शन कमेटी के वरिष्ठ कमांडर प्रद्युम्न शर्मा उर्फ कुंदन उर्फ साकेत उर्फ लूल्हा समेत इसके 22 करीबियों के यहां मगध क्षेत्र में अलग-अलग छापेमारी की गई थी।
जहानाबाद और अरवल के पांच अलग-अलग गावों में छापेमारी की थी। हुलासगंज के ही मोकिनपुर में विकास शर्मा, केउला में राजीव शर्मा और धर्मपुर गांव में दबिश दी थी। अरवल में किंजर में निरखपुर गांव में परियारी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि आनंदी पासवान के यहां छापेमारी में निजी गार्ड के बैग से एक कट्टा 14 कारतूस और 315 बोर की लाइसेंसी राइफल मिली थी।
एनआईए ने जब्त किए थे कई कागजात
टीम ने जहानाबाद के परसबीघा थाना क्षेत्र के बढ़ेता गांव निवासी राधेश्याम शर्मा को गिरफ्तार किया था। सभी जगहों से एनआईए टीम बैंक के पासबुक, पेन और आधार कार्ड, गाड़ी व मकान के कागजात, मोबाइल और डायरी अपने साथ ले गई।
एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि मगध जोन में पार्टी को सक्रिय करने के लिए फंड जुटाने का प्रयास चल रहा था। इसके लिए संगठन की तरफ से हथियारों और गोला-बारूद की खरीद और नए कैडरों की भर्ती के लिए फंड जुटाने की कोशिश हो रही थी।
2021 में NIA ने दर्ज किया था मामला
जानकारी के अनुसार, सभी आरोपित मगध क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के लिए विभिन्न जेलों में बंद नक्सलियों और ओडब्ल्यूजी के साथ संपर्क कर रहे थे। एनआईए ने 30 दिसंबर 2021 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। मामले की जांच जारी है।