NIA ने आतंकी फंडिग के मामले में सजा काट रहे यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की..

एनआईए ने इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए यासीन मलिक को नोटिस जारी किया है।

 दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकी फंडिंग मामले में मौत की सजा की मांग वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका पर जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने नेता यासीन मलिक को नोटिस जारी किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 9 अगस्त, 2023 को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के समक्ष उपस्थित होने के लिए यासीन मलिक के लिए पेशी वारंट जारी किया है।

इससे पहले, कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एनआईए ने कहा खा कि यासीन मलिक टेरर फंडिंग का मास्टरमाइंड है। एनआईए ने UAPA केस में यासीन को फांसी की सजा देने की मांग की। जांच एजेंसी ने कहा कि उसके खिलाफ मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर श्रेणी में माना जाए।

2022 में सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा

उल्लेखनीय है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 2022 में अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

पिछले साल निचली अदालत में सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने कहा था, “मैं किसी चीज की भीख नहीं मांगूंगा। मामला इस अदालत के समक्ष है और मैं इसका फैसला अदालत पर छोड़ता हूं। मैं फांसी को स्वीकार करूंगा… सात प्रधानमंत्रियों के साथ मैंने काम किया है।”

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