फ्रांस में राजनीतिक संकट के बीच नए PM की तलाश

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों एक दिन पहले नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद इस्तीफा दे चुके मिशेल बार्नियर की जगह नया प्रधानमंत्री तलाशने में जुटे हैं। मैक्रों के समक्ष इस राजनीतिक संकट को दूर करने की बड़ी चुनौती है क्योंकि अल्पमत की उनकी सरकार को अगले साल बजट पास करना है और संवैधानिक रूप से अब नए चुनाव जुलाई के बाद ही हो सकते हैं।

महज तीन महीने पहले प्रधानमंत्री बने बार्नियर आधुनिक फ्रांस के इतिहास में सबसे अल्पअवधि की सरकार चलाने वाले पीएम रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार एल्सी पैलेस का कहना है कि मैक्रों ने बार्नियर और उनकी सरकार को नई सरकार के गठन तक बतौर कार्यवाहक सरकार काम करने को कहा है।

‘नोट्रे डेम कैथेड्रल’ चर्च के पुनः उद्घाटन पर ट्रंप रहेंगे मौजूद

दरअसल मैक्रों चाहते हैं कि शनिवार को नात्रे डैम कैथेड्रिल के फिर से खुलने के समारोह को सुचारु रूप से आयोजित किया जाए, जिसमें अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होने वाले हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का कार्यकाल वर्ष 2027 तक है और उन्होंने विपक्ष के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।

मौजूदा फ्रेंच संविधान के तहत नेशनल असेंबली में उनकी सरकार गिरने से उनके कार्यकाल पर असर नहीं होगा। असेंबली में सर्वाधिक सीटों वाले दक्षिणपंथी नेशनल रैली के नेता मरीन ले पेन ने मैक्रों से सीधे इस्तीफा तो नहीं मांगा लेकिन राष्ट्रपति पर दबाव बढ़ता ही जाएगा।

फ्रांस की अर्थव्यवस्था की स्थिति भी चिंताजनक

जल्द चुनाव नहीं हो पाने और बहुमत की सरकार की गुंजाइश नहीं होने की सूरत में नीति निर्माताओं के लिए कामकाज में जड़ता की स्थिति आ जाएगी। राजनीतिक संकट के साथ ही फ्रांस की अर्थव्यवस्था के लिए भी स्थिति चिंताजनक हो गई है।

खासकर अगले साल बिना कोई सुधारवादी कदम उठाए फ्रांस का कर्ज उसके जीडीपी का सात प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बार्नियर की सरकार गिरने से फ्रांस की ब्याज दरें कर्ज को और बढ़ा देंगी।

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