कश्मीर पर्यटन में नया मोड़, ट्रैकर्स को मिलेगी सैटेलाइट फोन की सुविधा

केंद्रीय गृह और पर्यटन मंत्रालयों के बीच कश्मीर घाटी के नो-नेटवर्क क्षेत्रों में ट्रैकर्स के लिए सैटेलाइट फोन की अनुमति देने को लेकर चर्चाएं अंतिम चरण में हैं, यह जानकारी पर्यटन निदेशक राजा याकूब फारूक ने बुधवार को दी। फारूक ने कहा पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों के लिए गृह मंत्रालय से यह मुद्दा उठाया है, क्योंकि पर्यटक वहां ट्रेकिंग के लिए जाते हैं, लेकिन नेटवर्क वहां उपलब्ध नहीं होता और इसलिए सैटेलाइट फोन की अनुमति दी जानी चाहिए।
यह गृह मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के बीच चर्चा के अंतिम चरण में है। फारूक ने यह भी बताया कि ट्रैकिंग घाटी के पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और विभाग ने ट्रैकिंग के लिए 75 नए मार्गो की पहचान की है। इनमें से कुछ ट्रैक शुरू हो चुके हैं, जैसे कश्मीर ग्रेट लेक ट्रैक, जो हमारे सबसे अधिक मांग वाले ट्रैक में से एक है, और गुलमर्ग तथा तर्सर मसर ट्रैक। हम इन्हें मैप करने की कोशिश कर रहे हैं।
फारूक ने बताया कि कश्मीर में इस साल विदेशी पर्यटकों का अब तक का सबसे अधिक आगमन हुआ है। हर दिन यहां अच्छे संख्या में विदेशी पर्यटक आ रहे हैं, और हमारी सीमाओं के बावजूद, जैसे कम वर्षा या बर्फबारी के बावजूद, हम हर दिन 200-300 विदेशी पर्यटकों का आगमन देख रहे हैं, जो कभी-कभी 500 तक भी पहुंच जाता है। पिछले साल 23 लाख पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया था, और हम इस साल इसे पार करने की उम्मीद कर रहे हैं।
नई अड्वेन्चरस गतिविधियों के बारे में बात करते हुए फारूक ने कहा कि विभाग ने इस साल गुज़र क्षेत्र में राफ्टिंग शुरू की है। हमें विश्व राफ्टिंग संघ से विश्व राफ्टिंग चैंपियनशिप आयोजित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और सरकार इस विकल्प पर विचार कर रही है।