NDTV बैन पर मचा घमाशान बवाल; चारों तरफ से घिर गई मोदी सरकार

हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन के लिए लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चारों ओर से हो रही आलोचनाओं को सरकार ने ‘राजनीति प्रेरित’ कहकर खारिज करने की कोशिश की…लेकिन सरकार के इस बयान पर नया विवाद खड़ा हो गया। एनडीटीवी इंडिया के साथ एकजुटता दिखाते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन और ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एडिटर्स कॉफ्रेंस ने सरकार के निर्णय की आलोचना की है।

NDTV बैन पर मचा घमाशान बवाल; चारों तरफ से घिर गई मोदी सरकार
वहीं दूसरी ओर सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किसी नए बनाए गए नियम के तहत नहीं लिया गया है, बल्कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पिछली सरकार द्वारा मुंबई में 2008 में हुए 26/11 आतंकवादी हमलों के बाद निर्धारित नियमों के तहत लिया गया है। नायडू ने इससे पहले कई ट्वीट कर सरकार के फैसले का बचाव किया। इस बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने समाचार चैनल पर लगाए गए प्रतिबंध की तीखी आलोचना की है, जिसमें जेडीयू के नीतीश कुमार और आरजेडी के लालू प्रसाद यादव भी शामिल हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार का एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाने का फैसला निंदनीय है और मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने जैसा है। नीतीश ने कहा, ‘भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व से हम सभी अवगत हैं। मीडिया लोगों की आवाज उठाने में सहायक बनकर अधिकार एवं शक्ति के दुरुपयोग को रोकती है। केंद्र सरकार द्वारा एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाना निंदनीय है।’
लालू प्रसाद ने एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा करते हुए मौजूदा हालात को आपातकाल जैसा बताया। सीपीएम ने भी शनिवार को एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की और इसे तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। पार्टी पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा, ‘सीपीएम द्दढ़ता से एनडीटीवी इंडिया पर केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के आदेश की निंदा करती है। यह प्रेस की आजादी का दमन है।’
सीपीएम ने कहा कि इससे मोदी सरकार के अधिनायकवादी रवैये का पता चलता है। सीपीएम ने चैनल पर लगाई रोक को तुरंत वापस लेने की मांग की है और सरकार इस बात का आश्वासन भी मांगा है कि वह भविष्य में इस तरह की मनमाना कार्रवाई नहीं करेगी। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा, ‘यह प्रतिबंध पूरे भारत की मीडिया को एक संदेश है, कि या तो पक्ष में रहो या बाहर जाओ।’ जेडीयू नेता के. सी. त्यागी ने भी प्रतिबंध को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार की यह कार्रवाई मुझे आपातकाल के दिनों की याद दिला रही है।’ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने बीजेपी सरकार की इस कार्रवाई को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन’ बताया है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button