नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम को साल में दो बार आयोजित किया जाना संभव नहीं-NMC
नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन के एक सवाल के जवाब में कहा है कि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम को साल में दो बार आयोजित किया जाना संभव नहीं है। आयोग ने कहा कि सबसे बड़ी मेडिकल परीक्षा नीट को साल में दो बार आयोजित करने से सरकारी खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा।आपको बता दें कि नेशनल चाइल्ड राइट प्रोटेक्शन आयोग (एनसीपीसीआर) ने 10 मई को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को एक पत्र में एआईएसयू से रिप्रेंसेंटेशन प्राप्त करने के बाद एमबीबीएस, बीडीएस प्रवेश के लिए नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम वर्ष में दो बार आयोजित करने का अनुरोध किया था।नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन के एक सवाल के जवाब में कहा है कि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम को साल में दो बार आयोजित किया जाना संभव नहीं है। आयोग ने कहा कि सबसे बड़ी
इसके जवाब में 26 जून को एनएमसी ने कहा कि सभी एमबीबीएस सीटें एक ही काउंसलिंग में भर जाती हैं और कोई भी सीट खाली नहीं रहती जिसके लिए दो बार एनईईटी परीक्षा आयोजित करने की जरूरत नहीं पड़ती। एआईएसयू ने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि नीट यूजी को साल में दो बार आयोजित करने के अनुरोध वाले हमारे अनुरोध पर एनएमसी से प्रतिक्रिया मिली। एआईएसयू ने यह भी कहा है कि उनका जवाब फाइनेंशियल चैलेंज और सरकारी संसाधनों पर बोझ पर प्रकाश डालता है। प्रतिक्रिया निराशाजनक है।