सूरज के सबसे करीब पहुंचा नासा का यान ‘पार्कर सोलर प्रोब’

दुनिया की यह पहली इंसानों द्वारा बनाई कोई वस्तु है, जिसने अपनी ही गति और सूरज के नजदीक पहुंचने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। हालांकि, वैज्ञानिकों को डर है कि यह अंतरिक्ष यान सुरक्षित है या नहीं।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) ने इतिहास रच दिया है। पार्कर सोलर प्रोब ने सूरजे के सबसे नजदीक जाने का रिकाॅड बनाया है। यह अंतरिक्ष यान सूरज की सतह से 61 लाख किमी की दूरी से गुजरा। जब यह सूरज के पास से गुजर रहा था, तब इसकी गति 6.90 लाख किलोमीटर प्रति घंटा थी। यह इतनी गति है कि इससे दिल्ली से न्यूयार्क एक मिनट में पहुंच जाए।

दुनिया की यह पहली इंसानों द्वारा बनाई कोई वस्तु है, जिसने अपनी ही गति और सूरज के नजदीक पहुंचने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। हालांकि, वैज्ञानिकों को डर है कि यह अंतरिक्ष यान सुरक्षित है या नहीं। अगर यह बचा रहा तो कुछ दिनों बाद सूरज के दूसरी तरफ से सिग्नल भेजेगा। अगर नहीं तो यह नष्ट गया होगा।

इस दिन मिलेगी सुरक्षित होने की जानकारी
नासा साइंस मिशन डायरेक्टोरेट की एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निकोला फॉक्स ने बताया कि पार्कर ने अपने मकसद हासिल कर लिया है। अगर सभी चीजें ठीक रहीं, तो उसे 27 दिसंबर तक हमारा सिग्नल मिलेगा, जिसके बाद सिग्नल आएगा। अगर सिग्नल आ जाता है तो इसका मतलब है कि पार्कर सुरक्षित है।

जानिए कब मिलेगी सूरज की नजदीक की फोटो
इस मिशन के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक नूर रवाफी ने बताया कि पार्कर द्वारा सूरज के नजदीक से गुजरते समय ली गईं तस्वीरें अगले साल जनवरी में नासा को मिलेंगी। इसके बाद बाकी के डेटा तब मिलेंगे जब वो सूरज से और दूर चला जाएगा। हमें पार्कर के पहले स्टेटस अपडेट का बेसब्री से इंतजार है।

पार्कर सोलर प्रोब मिशन ऑपरेशन मैनेजर निक पिनकाइन का कहना है कि अभी तक सूरजे के इतने नजदीक से कोई वस्तु नहीं गुजरा। पार्कर अब ऐसी जगह से हमें डेटा भेजेगा, जहां से कभी कोई डेटा नहीं मिल पाया है। यानी सूरज के दूसरी तरफ से।

पिछले साल लगाया था 17 वां चक्कर
पार्कर सोलर प्रोब ने साल 2023 में सूरज के चारों तरफ 17वां चक्कर लगाया। इस दौरान भी उसने दो रिकॉर्ड बनाए थे। पहले वो सूरज के बेहद नजदीक से गुजरा और दूसरा उसकी स्पीड का। बीते साल वह सूरज के सिर्फ 72.60 लाख किमी की दूरी से गुजरा था। उस दौरान यह 6.35 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल रहा था। यह दोनों रिकॉर्ड उसने 27 सितंबर 2023 को बनाए थे।

इस स्टडी में वैज्ञानिकों की करेगा मदद
पार्कर सोलर प्रोब को साल 2018 में लॉन्च किया था, जिसमें विशेष हीटशील्ड लगे हैं। इसमें सूरज के तूफाने से बचाने वाले ऑटोनॉमस सिस्टम है। पार्कर ने पहला सौर तूफान तब बर्दाश्त किया था, जब वह सूरज की सतह से 5.70 करोड़ किलोमीटर दूर था। इन सौर तूफानों के अध्ययन से जानकारी मिलेगी की अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच जो सौर धूल उड़ती है, उसका क्या काम है। वह किसी भी ग्रह की ग्रैविटी, वायुमंडल या मैग्नेटिक फील्ड पर कैसे प्रभाव डालती हैं।

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