इस फिल्म की राष्ट्रपति भवन में रखी गई स्क्रीनिंग, दिखा नरेंद्र मोदी का बचपन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन की स्तुति पर आधारित एक लघु फिल्म को मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में देखा. फिल्म निर्माताओं द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 32 मिनट की फिल्म ‘चलो जीते हैं’ में एक युवक ‘नारू’ का प्रशंसनीय चित्रण किया गया है. उस लड़के के बारे में कहा जाता है कि वह स्वामी विवेकानंद के वाक्य ‘वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं’ से प्रभावित होता है.
फिल्म के निर्देशक मंगेश हदवाले ने इससे पहले मिड डे डॉट कॉम से कहा, “मैंने मोदी जी की नीतियों का प्रचार करने के लिए फिल्म नहीं बनाई थी. यह उनके शुरुआती दिनों पर आधारित एक फिल्म है.” हदवाले की पहली मराठी फिल्म ‘तिंज्ञा’ (2008) को कई पुरस्कार मिले थे.
फिल्म का निर्माण महावीर जैन और भूषण कुमार ने किया है. इसे जैन और आनंद एल. राय ने प्रस्तुत किया है. इसे स्टार नेटवर्क तथा इसके अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म हॉटस्टार पर 29 जुलाई को प्रदर्शित किया जाएगा. कुमार ने फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले एक बयान में कहा कि ‘फिल्म को पूरे दिल से बनाया गया है और इसका संदेश आपमें हलचल पैदा करेगा.’