टेररडोम के नाम से मशहूर थी ये जेल

दुनिया में यूं तो बहुत सी जेलें अपनी यातनाओं और कैदियों के साथ होने वाले बहुत बुरे बर्ताव के लिए कुख्यात हैं. लेकिन अमेरिका के फिलाडेलफिया की होम्सबर्गर कारागार कुछ अलग ही तरह के कारणों  से जाना जाता है. आज ये जेल भले ही संचालित नहीं होती है. लेकिन इसके चिकित्सीय प्रयोग, यातनाएं दंगे खास तौर से चर्चा के साथ विवादों में रहते हैं.

इस जेल को फिलाडेल्फिया की मोयामेंसिंग जेल में भीड़भाड़ को कम करने के लिए 1896 में खोला गया था, लेकिन यह सुविधा जल्द ही भीड़भाड़ वाली हो गई. नतीजा यह हुआ कि एक समय यहां दंगे तक भड़क गए, उन्हें गार्डों ने जिस क्रूरता से दबाया, उसकी आज भी चर्चा की जाती है.

अपने संचालन के दौरान, फिलाडेल्फिया स्थित जेल ने दंगों, बलात्कार, यातना, भ्रष्टाचार, चिकित्सा प्रयोग और हत्या के लिए एक खास तरह की ख्याति हासिल की थी. इनमें से कुछ मामलों का हमेशा ही जिक्र होता है जब भी इस जेल की बात होती है.

1938 में भूख हड़ताल के बाद, 25 कैदियों को नेताओं के रूप में चुना गया और क्लोंडाइक में स्थानांतरित कर दिया गया, जो रेडिएटर और भाप पाइप वाली एक इमारत थी. खिड़कियों और एयर वेंट को सील कर दिया गया था. इस पर आज भी बहस होती है कि अगस्त की गर्मी की लहर के कारण इमारत लगभग 200 डिग्री तक गर्म हो गई थी. कुछ लोग इसके सही होने के दावे को मानते हैं, जबकि कुछ लोग इसे असंभव कहते हैं. बताया जाता है कि भूख हड़ताल वाले कैदियों को बेरहमी से पीटा गया और जिंदा उबाला गया.

1970 में हुए एक दंगे में लगभग 100 कैदी शामिल थे, जो मांस काटने वाले चाकू, हड्डी काटने वाले चाकू, अस्थायी फावड़े और मेज के पैरों से लैस थे और उन्होंने रसोईघर को तहस नहस कर दिया तथा दूसरे कई कैदियों और गार्डों की हत्या कर दी.

लेकिन सबसे ज्यादा विवादित यह किए गए चिकित्सा प्रयोग हैं. डॉ. अल्बर्ट एम. क्लिगमैन ने 1951 और 1974 के बीच जेल की आबादी के नौ-दसवें हिस्से पर कई प्रकार के चिकित्सा प्रयोग किए. इन प्रयोगों में उन्हें विभिन्न बीमारियों, रसायनों, दवाओं और रेडियोधर्मी पदार्थों के संपर्क में लाया गया, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा संबंधी समस्याएं और संभावित कैंसर का खतरा पैदा हो गया था. जेल भले ही 1995 में बंद कर दी गई हो इसके प्रयोगों की चर्चा होती रहती है.

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