तो इसलिए नागपुर टेस्ट से पहले कोहली ने कहा बनवाईं उछालभरी पिचें

दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी के लिए अधिक समय नहीं होने के कारण मौजूदा सीरीज के लिए उछालभरी पिचें बनाने का अनुरोध करने के सिवाय कोई चारा नहीं था. ये बातें कप्तान विराट कोहली ने कल से खेले जाने वाले नागपुर टेस्ट से पहले कहीं.नागपुर टेस्ट

यह पूछने पर कि क्या उन्होंने उछालभरी पिचों की मांग की थी, कोहली ने कहा ,‘हां क्योंकि इस सीरीज के खत्म होने के दो दिन बाद हमें दक्षिण अफ्रीका रवाना होना है. हमारे पास उस दौरे पर मिलने वाले हालात में खेलने के अलावा कोई चारा नहीं था.’

दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए कोहली ने BCCI को दिखाया आईना, कही ये बड़ी बात…

उन्होंने कहा ,‘ हमें एक महीने का ब्रेक मिलता, तो हम बेहतर तैयारी कर सकते थे, लेकिन अब जो स्थिति है, उसी में तैयारी करनी होगी.’ भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ आखिरी वनडे 24 दिसंबर को खेलेगी. जबकि 27 दिसंबर को उसे दक्षिण अफ्रीका रवाना होना है.’

कोहली ने कहा कि बड़ी सीरीज के लिए टीम को अलग तरीके से तैयारी करनी होती है लिहाजा दो सीरीज के बीच ब्रेक होना चाहिए. उन्होंने कहा ,‘भविष्य में हमें इस पर ध्यान देना होगा क्योंकि हम विदेश दौरे पर टीम का आकलन करने लगते हैं, लेकिन यह नहीं देखते कि तैयारी के लिए कितना समय हमें मिला.’

भारतीय कप्तान ने कहा ,‘टेस्ट मैचों के बाद नतीजे आने पर लोग खिलाड़ियों के बारे में आकलन करने लगते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. यह भी देखना चाहिए कि हम जैसी तैयारी करना चाहते थे, हमें उसका मौका मिला या नहीं. हमें लगा कि आने वाली चुनौतियों का सामना करने की तैयारी के लिए यही मौका है.’

विदेश दौरे पर प्लेइंग इलेवन में अश्विन-जडेजा की जगह पक्की नहीं !

कोहली ने यह भी कहा कि विदेश दौरे पर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की अंतिम एकादश में जगह पक्की होने की वह गारंटी नहीं दे सकते क्योंकि वहां एक ही स्पिनर से काम चल जाएगा. उन्होंने कहा ,‘मैं विदेश दौरे पर इसकी सौ फीसदी गारंटी नहीं दे सकता कि हम दो स्पिनरों के साथ उतरेंगे. हमें टीम का संतुलन भी देखना होगा. ये दोनों अपनी बल्लेबाजी क्षमता के कारण टेस्ट मैच में अंतिम एकादश के दावेदार हैं लेकिन विरोधी बल्लेबाजों को भी देखना होगा.’

उन्होंने कहा ,‘यह समझना होगा कि यदि बाएं हाथ का कोई स्पिनर दाहिने हाथ के पांच बल्लेबाजों को गेंदबाजी कर रहा है या ऑफ स्पिनर चार खब्बू बल्लेबाजों को गेंद डाल रहा है. गेंद के एंगल से भी काफी फर्क हो जाता है और टेस्ट मैच में वह एक स्पेल भारी पड़ सकता है. ये छोटी छोटी बातें हैं जिनके आधार पर विदेश दौरे पर स्पिनर का चयन किया जाएगा.’ जामथा पर 2008 में पहले टेस्ट के बाद से स्पिनरों ने 100 से ज्यादा विकेट लिए हैं, लेकिन कल अंतिम एकादश चुनते समय इस पर ध्यान नहीं दिया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button