मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ फिर उठाई आवाज

मुंबई के इस्लाम जिमखाना में बड़ी संख्या में मौलानाओं एवं उलेमाओं ने मिलकर वक्फ संशोधन विधेयक के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रेस से बात करते हुए आल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा के अध्यक्ष एवं रजा अकादमी के संस्थापक मौलाना सईद नूरी ने कहा कि ऐसा कोई भी कानून स्वीकार्य नहीं है, जो वक्फ के उद्देश्यों के विपरीत हो।

हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार के लिए बनाई गई जेपीसी के अध्यक्ष सांसद जगदंबिका पाल उत्तर प्रदेश की एक सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था ‘माटी’ के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शनिवार को मुंबई पहुंचे थे। रविवार दोपहर मरीन लाइन्स स्थित इस्लाम जिमखाना में उनसे मुंबई के कई मौलानाओं एवं उलेमाओं ने मुलाकात की। उन्होंने जगदंबिका पाल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ऐसा कोई भी कानून स्वीकार्य नहीं है, जो वक्फ के उद्देश्यों के विपरीत हो।

विधेयक को बताया वक्फ और शरीयत में दखल

इस मुलाकात में रजा अकादमी के संस्थापक सईद नूरी ने कहा कि वक्फ की संपत्ति मुसलमानों के पूर्वजों ने वक्फ की थी। यह सरकार द्वारा दी गई संपत्ति नहीं है। यह वक्फ में दखल है। यह शरीयत में दखल है, क्योंकि इसका कानून इस्लामिक किताब में है। इस्लाम ने इसके उपयोग, इसकी सुरक्षा, इसकी निगरानी को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। इसलिए इसके आदेश को तदनुसार लागू किया जाना चाहिए।

‘अल्पसंख्यकों को कमजोर करने का इरादा’

उन्होंने कहा कि नए बिल से पता चलता है कि सरकार का इरादा पारदर्शिता लाने का नहीं बल्कि अल्पसंख्यकों को कमजोर करना है। जगदंबिका पाल से हुई इस मुलाकात में हजरत अल्लामा मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफ अशरफी जिलानी, सज्जादा खानकाह आलिया, किछोछा मुकद्दसा और ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा के अध्यक्ष एवं रजा अकादमी के संस्थापक मुहम्मद सईद नूरी के अलावा बड़ी संख्या में और भी उलेमा और इमाम मौजूद थे।

जेपीसी अध्यक्ष ने स्वीकारा ज्ञापन

जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने ज्ञापन स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि मैं आपकी मांगों को समिति के सामने रखूंगा, और पूरी कोशिश करूंगा कि वक्फ और समुदाय के सदस्यों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं इस बिल में उठाई गई आपत्तियों को दूर करने का प्रयास करूंगा और आगे विचार-विमर्श के लिए आपको दिल्ली बुलाऊंगा। यदि कोई आपत्ति है, तो समिति के सदस्यों द्वारा उस पर विचार किया जाएगा एवं लोगों में पनप रही चिंता को दूर किया जाएगा।

इस बैठक में मोइन अल-मशाइख ने कहा कि वक्फ संपत्ति की सुरक्षा मुस्लिम उम्मा पर एक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि कई वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से नष्ट कर दिया गया है, लेकिन अब कम से कम बची हुई संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा कानून लागू नहीं करना चाहिए जिससे वक्फ संपत्तियों को खतरा हो। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि समिति विचार-विमर्श के बाद जो फैसला लेगी, वह मुसलमानों के लिए अच्छा होगा।

Back to top button