दिल्ली नगर निगम अगले साल का बजट तैयार करने में जुटा
एमसीडी इस समय वर्ष 2025-26 का बजट तैयार करने में जुट गई है, लेकिन बजट पेश करने के मामले में असमंजस बना हुआ है। दरअसल अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने की वजह से बजट पास करने का मामला उलझ सकता है। ऐसे में अधिकारी संशय में हैं।
एमसीडी एक्ट के अनुसार आगामी वर्ष का बजट 15 फरवरी तक पारित करना अनिवार्य है और इसके लिए हर साल दिसंबर में प्रक्रिया शुरू हो जाती है। लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह तय करना कठिन हो रहा है कि बजट की प्रक्रिया को नियमित समय पर शुरू किया जाए या चुनावों की घोषणा से पहले ही इस पर कार्यवाही की जाए।
एमसीडी के बजट में हर साल सभी कर और शुल्क की दरें तय की जाती है और नागरिक सेवाओं और आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए आवश्यक फंडिंग का निर्धारण किया जाता है। लेकिन अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनाव ने इस प्रक्रिया को पेचीदा बना दिया है।
चुनाव के कारण यह असमंजस उत्पन्न हुआ है कि बजट प्रक्रिया समय से पहले प्रारंभ कर उसे जल्द पारित कर दिया जाए या फिर नियमित समय पर ही प्रक्रिया शुरू की जाए। दरअसल विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी।
बजट प्रक्रिया की जटिलता से राजधानी के नागरिकों पर भी असर पड़ सकता है। एमसीडी बजट के माध्यम से सड़क, सफाई, पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए फंडिंग का निर्धारण करती है। अगर इस वर्ष बजट की प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी होती है, तो योजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन में मुश्किलें आ सकती हैं, जिससे नागरिक सेवाओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
आचार संहिता और प्रशासनिक चुनौती
चुनाव आचार संहिता का प्रभाव एमसीडी की कार्यप्रणाली पर भी पड़ेगा। अधिसूचना के बाद नई योजनाओं को लागू करने या नीतिगत फैसलों को पारित करने पर रोक जाती है। इस स्थिति में एमसीडी के प्रशासनिक ढांचे को संभावित समस्याओं का सामना कर सकता है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बजट पास करने की प्रक्रिया है। अगर चुनाव की घोषणा के दौरान बजट प्रक्रिया चल रही होगी, तो यह अधर में लटक जाएगी।
चुनाव की घोषणा से पहले बजट पास होता था
गत वर्षों के दौरान चुनाव के मद्देनजर एमसीडी अपने बजट को पास करने की प्रक्रिया दिसंबर के बजाए नवंबर में ही शुरू कर देती थी और जनवरी माह में बजट पास कर देती थी, जबकि आम तौर पर फरवरी के मध्य में बजट पास किया है। यह सब चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से बचने और घोषणाएं करने के मद्देनजर किया जाता था।